दिल्लीः विधानसभा का पहला सत्र, होगी केजरीवाल सरकार की परीक्षा
जनलोकपाल के लिए आंदोलन चलाकर राजनीति में आने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार बनाई है.आप की सरकार को कांग्रेस बाहर से समर्थन दे रही है. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 31 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं पहली बार चुनाव लड़ने वाली आप विधानसभा में 28 सदस्यों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी है.विश्वास मतआठ विधायकों के साथ कांग्रेस तीसरे नंबर पर है. इसके अलावा विधानसभा में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरमणि अकाली दल के एक और जनता दल (यूनाइटेड) के एक सदस्य हैं. एक अन्य सदस्य निर्दलीय है.मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो जनवरी को विधानसभा में विश्वास मत पेश करेंगे. तीन जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा. चार और पांच जनवरी को अवकाश होने की वजह से विधानसभा नहीं चलेगी.
सोमवार छह जनवरी को उपराज्यपाल नजीब जंग का अभिभाषण होगा और सात जनवरी को उस पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
उपराज्यपाल ने पहले भाजपा विधायक प्रो. जगदीश मुखी को विधानसभा कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) बने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इस पद को लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मतीन अहमद को प्रोटेम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग उन्हें बुधवार को शपथ दिलाएंगे.आम आदमी पार्टी ने एमएस धीर को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है.राजनीति में नई परंपराएँ शुरू करती आ रही आम आदमी पार्टी विधानसभा में भी एक नई परंपरा डालने जा रही है. यह पहली बार होगा कि प्रोटेम स्पीकर ही विश्वास मत पर मतदान कराएंगे. जबकि परंपरा यह रही है कि पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है और वे विश्वास मत पर बहस कराते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उस पर मतदान करवाते हैं.भाजपा का इनकार
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री सक्रिय हो गए. खांसी-बुख़ार से गंभीर रूप से पीड़ित होने के बाद भी अरविंद केजरीवाल सक्रियता दिखा रहे हैं.पिछले चार दिनों में आप को सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र के दो प्रमुख वादों को पूरा कर दिया है. आप ने दिल्ली की जनता को रोज सात सौ लीटर पानी मुफ्त देने और बीजली की दरें आधी करने का वादा किया था. इसे उसने कुछ काट-छांट के साथ पूरा कर दिया है.