देश में महिलाओं के लिए एक प्रोफेशन के रूप में कानून का दरवाजा खोलने वाली भारत की पहली महिला बैरिस्टर कोर्नेलिया सोराबजी ने महिलाओं के सुधार के लिये कई काम किए। आज बैरिस्टर कोर्नेलिया सोराबजी का जन्‍मदिन है।


1- भारत की पहली महिला बैरिस्टर कोर्नेलिया सोराबजी देश की पहली महिला हैं जिन्होंने बॉंबे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट किया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के समरविले कॉलेज से लॉ की पढ़ाई करनेवाली पहली भारतीय महिला भी थीं। कोर्नेलिया देश की पहली महिला हैं जिन्होंने देश में महिलाओं के लिए एक प्रोफेशन के रूप में कानून का दरवाजा खोला। 3- कॉर्नेलिया कुल छह भाई बहन थे उनमें वो अकेली बहन थीं। लंदन में लॉ की प्रैक्टिस करनेवाली पहली बैरिस्टर भी हैं। कॉर्नेलिया छह भाइयों में इकलौती बहन थीं। सन् 1892 में वे लॉ की पढ़ाई के लिए विदेश गईं। उस जमाने में महिलाओं को लेकर बहुत सारी पाबंदियां थीं। भारतीय महिला वकील को कोर्ट में प्रैक्टिस की अनुमति नहीं थी। ऐसे में उन्हें इसके लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा।
5- उन्होंने देश की क़रीब छह सौ महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने में सहायता की। अंत में 1929 में हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट के रूप में रिटायरमेंट लिया। उन्होंने लॉ के अलावा सोशल वर्क व कई लेख, शॉर्ट स्टोरीज, बुक्स आदि भी लिखीं, जिनमें से उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘इंडिया कॉलिंग’ सुर्ख़ियों में रही। देश में ही नहीं इंग्लैंड में भी कॉर्नेलिया सोराबजी को सम्मान के साथ याद किया जाता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra