मथुरा: कोसी से शेरगढ़ को जाने वाली 18 किमी लंबी ऊबड़-खाबड़ सड़क जनप्रतिनिधियों की ताकत का पैमाना बन गई है। आम मंचों पर भले ही बड़े-बड़े बोल बोले जाते हैं, मगर इस सड़क को लेकर ये बोल ग्रामीणों की गूंज के आगे दबकर रह गए हैं। वो भी तब, जब इस सड़क के लिए चार-चार विधायकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कोई मुख्यमंत्री से सड़क बनवाने का भरोसा दिला रहा है तो कोई प्रधानमंत्री योजना से। कोई सरकारी विभाग पर दबाव बनाने का ऐलान कर रहा है तो कोई कुछ और दावा कर रहा है।

इस रोड की मरम्मत का मुददा यूं ही नहीं उठा। 23 मार्च को नजदीकी गांव फालैन में होली का मेला होना है। यहां पर पंडा अंगारों के बीच से गुजरेगा। इस ²श्य को देखने के लिए यहां पर सैलाब उमड़ेगा। ये लोग इसी सड़क से होकर फालैन गांव पहुंचेंगे। पिछले सप्ताह से धरना दे रहे क्षेत्रीय लोग कहते हैं कि सड़क सही नहीं होगी तो बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी होगी। आम प्रदर्शन की तरह इस धरने पर भी जैसे ही सियासी बातें हुईं, मुददा गरमाने लगा। चार दिन पहले कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने प्रदेश सचिव उमेश पंडित के साथ मौके पर पहुंचकर न केवल स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बदहाली के बहाने निशाने पर ले लिया बल्कि पीडब्ल्यूडी से कुछ ट्रक गिटटी आदि भिजवाकर नयी पहल शुरु कर दी। हालांकि सड़क की मरम्मत अभी शुरु नहीं हो पाई है।

शनिवार को मांट से बसपा विधायक श्याम सुंदर शर्मा ने धरना स्थल ये कहकर खलबली मचा दी कि मरम्मत का कोई प्रस्ताव किसी ने नहीं भेजा है, वह आज ही प्रस्ताव भेजेंगे। क्षेत्रीय विधायक तेजपाल सिंह यहां पर कह चुके हैं कि उन्होंने इस सड़क के लिए प्रस्ताव भिजवा दिया है। बलदेव से विधायक पूरन प्रकाश भी यहां आकर ग्रामीणों को आश्वासन दे चुके हैं।

श्याम और तेजपाल में खटास तो नहीं

धरनास्थल पर शनिवार को विधायक शर्मा के बयान पर रविवार को बसपा कैंप में खलबली मची रही। पार्टी नेता इसके निहितार्थ निकालते रहे। विरोधियों ने कहना शुरू कर दिया कि मांट और छाता विधायक भले ही एक ही पार्टी में हैं, पर कुछ खटास पैदा हो गयी है। इस संबंध में छाता विधायक ठा। तेजपाल सिंह ने कहा कि विरोधी लोग तमाम अफवाह उड़ा रहे हैं। मांट विधायक ने सही कहा है कि इस सड़क की मरम्मत के लिए कोई फाइल नहीं भेजी गयी है। उन्होंने साल 2014 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोर नेटवर्क में क्षेत्र की कई सड़कें शामिल कराई हैं, उनमें इस सड़क को नई बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। उन्होंने मरम्मत के लिए लोनिवि अधिकारियों से बात की है, यह जल्द शुरू हो जाएगी। भाजपा के लोग अपनी सांसद की जिम्मेदारी से पल्ला छुड़ाने के लिए इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं।

अनाधिकार चेष्टा नहीं

वृंदावन से कांग्रेस विधायक प्रदीप माथुर ने कहा है कि उन्हें छाता क्षेत्र की राजनीति नहीं करनी। उनके प्रयास को अनाधिकार चेष्टा न समझा जाए। मरम्मत का कार्य विभाग पर दबाव बनाकर कराया जा सकता है, इसलिए उन्होंने लोनिवि अधिकारियों से बात की।

मैं मुख्यमंत्री की घोषणा वाली आठ किमी सड़क की घोषणा कर चुका हूं। अभी लिखकर देता हूं। सडक पर राजनीति किए बगैर समाधान खोजें कि यह कैसे बन सकती है।

-श्याम सुंदर शर्मा विधायक, मांट

-विधायक निधि से पहले ही दिन 25 लाख से मरम्मत के लिए कहा था। कोसी- शेरगढ़ रोड निर्माण के लिए आवाज उठाई। वर्ष 2014 में मंत्री शिवपाल यादव का आदेश पत्र भी है, लेकिन आज तक काम नहीं हुआ। छाता में मुख्यमंत्री के समक्ष भी यही मांग रखी गई। तब मुख्यमंत्री ने सपा में शामिल न होने का ताना मार कर मामले को टाल दिया गया। -ठा। अतुल सिसौदिया, प्रतिनिधि, तेजपाल सिंह विधायक, छाता

-आश्वासनों को भी माना जाना चाहिए। आंदोलन का अधिकार अपना है। हमें समय दीजिए, ताकि हम कार्य करा सकें। - तुलसीराम शर्मा जिलाध्यक्ष, सपा

-जनता से झूठ मत बोलिए। मांट और छाता क्षेत्रों के विधायक मुख्यमंत्री की आठ किमी की सड़क को लिखकर दें तो 15 दिन में इस सड़क को मुख्यमंत्री के माध्यम से पास कराने की जिम्मेदारी हमारी।

-जगदीश नौहवार, चेयरमैन, जिला सहकारी बैंक

Posted By: Inextlive