जन्म-मृत्‍यु एक ही सिक्‍के के दो पहलू होते है। मनुष्‍य के जन्‍म के साथ ही उसकी मृत्‍यु का समय निर्धारित हो जाता है। पुराणों में कहा गया है क‌ि व्यक्त‌ि अपने अच्‍छे कर्मों से अपनी आयु बढ़ा भी सकता है और घटा भी सकता है। कर्मों के अनुसार व्यक्त‌ि को आयु की प्रप्ति होती है। हाभारत के उद्योगपर्व में धृतराष्ट्र ने महात्मा व‌िदुर से पूछा क‌ि जब सभी वेदों में मनुष्य को सौ वर्ष की आयु वाला बताया गया है तो क‌िस कारण से मनुष्‍य अपनी पूर्ण आयु को भोग नहीं पाता है। धृतराष्ट्र के प्रश्नों का जवाब देते हुए व‌िदुर ने मृत्‍यु शीघ्र होने के छह कारण बताये। ज‌िससे मनुष्य अपनी पूर्णायु को नहीं भोग पाता है


1- व‌िदुर कहते हैं मनुष्य की उम्र को काटने वाला पहला कारण अभ‌िमान है। अभ‌िमानी मनुष्य अपने को सबसे बड़ा मानकर बड़ों का अनादर करने लगता है। अपने अभ‌िमानी स्वभाव के कारण वह भगवान का प्रिय नहीं रह जाता और भगवान उसकी उम्र कम कर देते हैं।2- ज्यादा बोलने वाले व्यक्त‌ि का अपनी वाणी पर न‌ियंत्रण नहीं रहता है। वह क‌िसी को कुछ भी कह सकता है ऐसे में कई बार वह लोगों का द‌िल दुखाता है। अध‌िक बोलने वाले व्यक्ति‌ झूठ भी बोलने लगते हैं। इस कारण से उनकी आयु कम हो जाती है। अध‌िक बोलने की आदत भी उम्र को कम करता है। 3- मनुष्य में त्याग की कमी आयु को घटा देती है। रावण और दुर्योधन इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। इन दोनों में त्याग की कमी थी इस कारण से ही इन्हें युद्ध करना पड़ा और मारे गए।


4- क्रोध को आयु कम होने का चौथा कारण माना गया है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है क‌ि व्यक्त‌ि को नर्क में पहुंचाने के ल‌िए अकेला क्रोध ही काफी है। क्रोध में मनुष्य उच‌ित -अनुच‌ित भूलकर कुछ ऐसा कर बैठता है जो उसका ही अह‌ित कर देता है।

5- उम्र को काटने वाला पांचवा कारण स्वार्थ है। व‌िदुर कहते हैं क‌ि स्वार्थ में मनुष्य बड़े से बड़ा पाप करने में लज्जा का अनुभव नहीं करता है। स्त्री, धन और जमीन इन स्वार्थों की पूर्त‌ि के ल‌िए लोग युद्ध के मैदान में पहुंच जाते हैं और जीवन का अंत कर लेते हैं। महाभारत इसका प्रमाण है।6- आयु को कम करने का छठा कारण है म‌ित्रों के साथ धोखा और बेईमानी। शास्त्रों में दोस्तों के साथ धोखा करने वाले को अधम यानी नीच मनुष्य कहा गया है। ऐसे मनुष्य पर यमराज बहुत क्रोध‌ित होते हैं और इन्हें कठोर दंड देते हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra