उन सभी भारतीय किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी यह है कि भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई गेहूं की नई प्रजाति HUW-669 को सरकार की ओर हरी झंडी मिल गई है। यानि कि अब जल्‍दी ही देश के सूखा प्रभावित इलाकों में रहने वाले किसानों के दिन बहुरने वाले हैं।

भारत में अभी भी तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जहां पानी की कमी के कारण जहां किसान भुखमरी की कगार पर हैं। इन इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए यह खबर एक उम्मीद है, जो उनके दिन बदल सकती है। जी हां हम बात कर रहे हैं गेहूं की उस नई प्रजाति की, जो न के बराबर पानी में भी जबरदस्त पैदावार कर सकती है। यूपी में बीएचयू के एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर ने गेहूं की एक नई प्रजाति विकसित की है, जिसका नाम है HUW-669 है। पूरे देश में विधिवत ट्रायल के बाद सरकार ने इस नई प्रजाति को उत्पादन के लिए हरी झंडी दे दी है। देश के तमाम हिस्सो में पानी के अभाव में गेहूं की फसलों के बर्बाद होने का सिलसिला इस नई प्रजाति के साथ खत्म हो सकता है।

 

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सरकार कैसे करती है नई प्रजाति का ट्रायल

सरकार को भेजे जाने के बाद एक खास कोड के साथ सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में इस बीज का ट्रायल करावाती है। बता दें कि यह प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होती है। पूरे देश से कई सालों तक पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इसे एक बोर्ड में रखा जाता है और इसके बाद केंद्रीय प्रजाति चयन समिति फैसला लेती है कि यह प्रजाति किसानों के लिए कितनी फायदेमंद है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर ICAR की ओर से भी HUW-669 को हरी झंडी मिल गई है। BHU के एग्रीकल्चरल रिसर्च सेंटर के हेड प्रो. वैशंपायन के मुताबिक कुछ महीनों के भीतर गेहूं की यह फसल बाजार में आने की उम्मीद है।


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Posted By: Chandramohan Mishra