आज यानी 21 मार्च को भारत के सबसे प्यारे संगीतकारों में से एक शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 102वीं जयंती है। इस मौके पर सर्च इंजन गूगल ने उनका एक डूडल बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस डूडल को चेन्नई के कलाकार विजय कृष ने तैयार किया है।


उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की जयंती नई दिल्ली (आइएएनएस)। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 102 वीं जयंती पर गूगल ने बुधवार को उनका एक डूडल बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। गूगल डूडल में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को एक सफेद रंग की पोशाक पहनकर शहनाई बजाते हुए देखा जा रहा है। वह पूरी तरह से शहनाई बजाने में मग्न दिखाई दे रहे हैं। उनके बैकग्राउंड में एक जियोमेट्रिक स्टाइल का एक पैटर्न बनाया गया है और उसमें गूगल लिखा हुआ है।संगीत को मानते थे पत्नी


21 मार्च 1916 को बिहार के एक मुस्लिम परिवार में जन्में बिस्मिल्लाह खान को संगीत से इतना प्यार था कि वे शहनाई को ही अपनी बेगम कहते थे और संगीत उनके लिए उनका पूरा जीवन था। बता दें कि भारतीय शास्त्रीय संगीत में शहनाई के मधुर स्वर घोलने वाले बिस्मिल्ला खान को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, तानसेन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। भारत रत्न से सम्मानित

इन चार सम्मान के अलावा बिस्मिल्लाह खान को साल 2001 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सराहा गया है। भारत की आजादी और बिस्मिल्लाह की शहनाई के बीच भी बहुत गहरा रिश्ता है। उन्होंने ना केवल पहले स्वंत्रता दिवस पर 1947 के समारोह में शहनाई वादन किया बल्कि वे 1950 में पहले गंणतंत्र दिवस के समारोह पर भी प्रस्तुति देने वाले कलाकार थे, और ये सिलसिला उनकी मृत्यु तक लगातार जारी रहा।  कोलकाता में मिली शोहरतगूगल ने अपने डूडल के बारे में जानकारी देते हुए यह भी लिखा है कि 'हालांकि उन्होंने 14 साल की उम्र में सार्वजनिक रूप से परफॉर्म करना शुरू कर दिया था, लेकिन शोहरत उन्हें साल 1937 में कोलकाता के अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन में प्रदर्शन के बाद ही हासिल हुई। इसके तीन दशक बाद जब उन्होंने एडिनबर्ग संगीत समारोह में परफॉर्म किया, तो उनकी शहनाई के दीवाने दुनिया भर में लाखों लोग बन गए। सारी दुनिया को अपने संगीत का प्रशंसक बनाने के बाद साल 2006 में उनका बनारस में निधन हो गया।

Posted By: Mukul Kumar