लॉर्ड बायरन ने इस मॉन्‍ट ब्‍लैंक को नाम दिया 'पहाड़ों का राजा'। गौरतलब है कि मॉन्‍ट बलैंक पहाड़ों और देश की सबसे ऊंची इमारतों से भी ऊंचा है। यूरोप के समुद्री तल से इसकी ऊंचाई करीब 15000 फीट है। कई शताब्दियां बीत गईं लोगों की इसकी ऊंचाई की गरीमा के बारे में पता तक नहीं चल सका। इसके बाद 8 अगस्‍त 1786 में फ्रांस के मिशेल गेब्रियल पैकार्ड और जैक्‍स बाल्‍मट इसकी चोटी पर पहुंचे। बता दें कि ये किसी वैज्ञानिक खोज के लिए सिर्फ एलपेनस्‍टोक्‍स और मापने के उपकरण लेकर वहां पहुंचे।

आज है वर्षगांठ
पहली बार इसकी चोटी पर किसी के पहुंचने की आज 229वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर गूगल ने अपने होमपेज पर एक खास डूडल बनाकर इस दिन को समर्पित किया है। ये डूडल दो कारणों को बयां कर रहा है। एक तो इसकी चोटी पर पहली बार किसी के पहुंचने का और दूसरा अविश्वसनीय मॉन्ट ब्लैंक को।
अविश्वसनीय पहाड़ों में से एक है
बर्फ से ढका हुआ ये पहाड़ दुनिया के अविश्वसनीय पहाड़ों में से एक है। पूरे यूरोप में इसकी ऊंचाई सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद कई हाइकर्स इसपर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं।

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Posted By: Ruchi D Sharma