जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों को मानते हुए केंद्र सरकार ने डेडलाइन के अंदर जीएसटी रिटर्न न भर पाने पर लगने वाली पेनाल्टी हटा ली है। जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि के बाद रोजाना 200 रुपये जुर्माने का प्रावधान था। हालांकि करदाताओं को बचे पर ब्याज देना ही होगा। 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अगस्त रखी थी।

ट्वीट कर दी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि जुलाई महीने का रिटर्न देर से दाखिल करने वाले जुर्माने का हटा लिया गया है लेकिन बकाए पर ब्याज लगेगा। जिन्होंने 25 अगस्त तक जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया था उन पर लेट फी नहीं लेकिन इंट्रेस्ट लगेगा। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि डेडलाइन तक अगर जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया तो उसके बाद 200 रुपये प्रतिदिन की दर से पेनल्टी लगेगी। इसमें 100 रुपये केंद्रीय जीएसटी के और 100 रुपये राज्य जीएसटी के होंगे।

रिटर्न फाइल करने में गलतियां
अरुण जेटली ने बताया था कि जुलाई महीने के लिए 59.5 लाख करदाताओं को जीएसटी रिटर्न फाइल करना था लेकिन 29 अगस्त तक केवल 38.3 लाख ने ही रिटर्न फाइल किया। बचे हुए 21 लाख लोगों पर पेनल्टी लगने वाली थी जिसे वित्त मंत्रालय ने जीएसटी काउंसिल की सिफारिश के बाद हटा लिया। वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि वे लोग जिन्होंने पहले जीएसटी रिटर्न फाइल करने में गलतियां की हैं वे जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 फाइल करते समय इस सुधार भी सकते हैं। जीएसटीआर-1 बिजनस सेल्स के लिए फाइल करना है और जीएसटीआर-2 बिजनस पर्चेज के लिए। जुलाई के लिए इन्हें फाइल करने का समय 1 से 5 सितंबर और 6 से 10 सितंबर है।

Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Shweta Mishra