सोशल मीडिया में सरकारी दखल के लिए सरकार ने अपनी थैली खोल दी है. यू ट्यूब फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स में सरकारी दखल के लिए मंत्रिमंडल ने ‘न्यू मीडिया विंग’ की स्थापना को मजूरी दे दी है. इस मद में 22.50 करोड़ रुपये का शुरुआती बजट रखा गया है जिसका पूरा खर्च मंत्रालय ही उठाएगा.


लगातार सरकार विरोधी अभियान का असरसोशल मीडिया में लगातार सरकार विरोधी अभियान से चुनावी माहौल में उसके प्रबंधक और कांग्रेस खासे चिंतित रहे हैं. कांग्रेस ने अपने स्तर से मीडिया और सोशल मीडिया प्रबंधन पर काम शुरू किया है, लेकिन सूचना प्रसारण मंत्रालय अपने स्तर पर इस दिशा में पहले ही आगे बढ़ चुका है. सरकारी चैनलों यानी दूरदर्शन आदि में मंत्रालय ने खासे बदलाव किए ही हैं. मगर उसकी असली समस्या सोशल मीडिया में पिछडऩा रहा है. इसके मद्देनजर मंत्रालय ने पहले ही मौजूद शोध, संदर्भ और प्रशिक्षण संभाग (आरआरटीडी) का पुनर्गठन किया गया है. इसे अब न्यू मीडिया विंग के नाम से जाना जाएगा जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के युवा अफसर तैनात किए जाएंगे.नए किस्म का तंत्र
यह बिल्कुल नए किस्म का तंत्र होगा. इसमें आपके पास चुनने और न चुनने का विकल्प होगा. मंत्रालय के मुताबिक, इसके अधिकारियों के पास दूरसंचार के आधुनिक उपकरण होंगे. संयुक्त सचिव स्तर का एक अधिकारी इसकी कमान संभालेगा. सूत्रों के मुताबिक, नई मीडिया विंग कंटेंट तैयार करने और उस पर नजर रखने और सोशल मीडिया पर चल रहे रुख का विश्लेषण करने का जिम्मा होगा. एक तरह से यह सोशल मीडिया में दखल का सरकारी प्लेटफार्म होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh