16 साल बाद पड़ा इतना सूखा, अब पानी पर कानून बनाने की तैयारी
तो अब लगेगी पेनाल्टीवाटर रिसोर्स और रिवर डेवलेपमेंट सेक्रेटरी शशि शेखर के मुताबिक, सरकार सूखे के हालात पर नजर बनाए रखे हुए है और इससे निपटने के लिए बहुत जल्द नए कानून भी बनाए जा सकते हैं। सरकार किसानों को ड्रिप इरिगेशन के लिए फंड देगी। इसके साथ ही ग्राउंड वाटर के ज्यादा दोहन के लिए पेनॉल्टी भी लगाई जाएगी। इसके लिए एक मॉडल वॉटर लॉ पर विचार चल रहा है। 2000 के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर शख्स को दो हजार क्यूबिक मीटर/ईयर पानी मिलता था। वहीं 2016 में यह आंकड़ा घटकर 1500 क्यूबिक मीटर/ईयर पर आ गया है।
इतने बड़े सूखे की वजह पिछले 2 सालों का मानसून है जो औसत से काफी कम रहा था। देश के अधिकांश रिजर्वायर में पानी बहुत कम मात्रा में बचा है। हालांकि ये क्राइसिस काफी सालों से चली आ रही है। पानी के पांरपरिक रिसोर्स को संभालकर नहीं रखा गया। खेती के साथ इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ती जा रही है। इसके चलते ग्राउंड वाटर खत्म हो रहा है।