रांची के सिटी एसपी खुद उपस्थित हुए हाईकोर्ट में

- दिग्दर्शन द्वारा फर्जी नक्सलियों के सरेंडर कराने का मामला

- कोर्ट ने मामले में आदेश से संबंधित दस्तावेज मांगे

रांची : हाईकोर्ट में मंगलवार को फर्जी नक्सली सरेंडर मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि 514 नक्सलियों के सरेंडर के मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं। पुलिस विभाग का इससे कुछ लेनादेना नहीं है। नक्सलियों का सरेंडर गृह मंत्रालय, राज्य सरकार, सीआरपीएफ के जानकारी में होता है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि जांच रिपोर्ट व जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं है।

नहीं कर सकती अनदेखी

कोर्ट किसी गैर कानूनी कार्य की अनदेखी नहीं कर सकती है। अदालत ने सरकार को इस मामले में गृह मंत्रालय और सरकार के आदेश की जानकारी से संबंधित दस्तावेज और दोबारा जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान सिटी एसपी अमन कुमार खुद अदालत में उपस्थित थे। अगली सुनवाई के दौरान भी उन्हें उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जनवरी को होगी। इससे पहले सिटी एसपी द्वारा कोर्ट में सील बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट दाखिल की गई।

पुलिस का अभियान

राज्य सरकार के विशेष अधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स, सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाती है। सीक्रेट ऑपरेशन चलाया जाता है। नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए सरेंडर पॉलिसी बनाई गई है। जिसके तहत नक्सलियों को सरेंडर कराया जाता है। 10 नक्सलियों को सरेंडर कराया गया। लेकिन 514 नक्सलियों के सरेंडर की जानकारी सरकार को नहीं है। दिग्दर्शन इंस्टीट्यूट भी नक्सलियों के सरेंडर में सहयोग कर रही थी। लेकिन उसने गलत किया जो कि जांच में साबित हो चुका है। जांच के दौरान 130 लोगों का बयान दर्ज किया गया है। इसमें पुलिस पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। इस मामले में दो चार्जशीट दायर की गई है और निचली अदालत में ट्रायल चल रहा है। दोबारा मामले की जांच करना उचित नहीं होगा। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने सरकार की दलील का विरोध करते हुए पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया। बता दें कि झारखंड काउंसिल फॉर डेमोक्रेटिक की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में 514 फर्जी नक्सलियों के सरेंडर मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की गई है।

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Posted By: Inextlive