इस शुक्रवार रिलीज हुई फिल्‍म 'पिंक' में अमिताभ बच्‍चन ने एक वकील की भूमिका निभाई है। उनकी इस भूमिका की काफी प्रशंसा भी हो रही है। इस फिल्‍म को देख कर कई स्‍टार्स की निभाये हुए वकीलों के शानदार रोल्‍स याद आते हैं। आइये आपको बताते पांच ऐसे ही रोल्‍स के बारे में जिनमें इन सितारों अपना एक अलग असर छोड़ा।

'शूट आउट एट लोखंडवाला'
सबसे पहले बात करते हैं अमिताभ बच्चन की ही, हालाकि अपने लंबे करियर में बिग बी ने वकील की भूमिका कम निभाई है। फिर भी फिल्म 'पिंक' में अपने रोल से पहले वो एक तेज तर्रार और अपने ही क्लाइंट के साथ क्रिटिकल दिखने वाले वकील की भूमिका एक और फिल्म में निभा चुके हैं। ये फिल्म थी 'शूट आउट एट लोखंडवाला'। इस फिल्म में बच्चन पुलिस ऑफिसर बने संजय दत्त और उनकी टीम को डिफेंड करते हैं जबकि अपने एटिट्यूड से वो जताते रहते हैं कि वो अपने क्लाइंट्स के तौर तरीकों को पसंद नहीं करते।

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'दामिनी' में सनी देयोल
इसके बाद जो फिल्मी वकील सबसे ज्यादा याद आता है वो है फिल्म 'दामिनी' का सारी दुनिया से खफा दिखने वाला सनी देयोल जो अपने खास अंदाज में अपने राइवल वकील बने अमरीश पुरी से कहता है कि "ये ढाई किलो का हाथ जब किसी को पड़ता है तो उठता नहीं उठ जाता है", या फिर "अगर ज्यादा बत्तमीजी की तो अदालत में ही मारुंगा और जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहे और तू पिटता रहेगा"।

'कानून'
वैसे कानून, कोर्टरूम और वकीलों को लेकर 1960 में बनी फिल्म 'कानून' भी आज तक याद की जाती है। इस फिल्म में राजेंद्र कुमार और अशोक कुमार की प्रमुख भूमिकायें थीं। फिल्म में इंटेस कोर्ट रूम सींस के साथ अदालत और उसके काम करने के तरीके पर कई बड़े सवाल उठाये गए थे।

'मेरी जंग'
अनिल कपूर और अमरीश पुरी को लेकर बनी इस फिल्म में कहानी पहने ही वही पुरानी थी जिसमें जुल्मी खलनायक को मात देने के लिए हीरो सब कुछ करता है। फिल्म में एक दुखी मां से बिछड़े उसके बच्चे और उनके संघर्ष की वही आम कहानी थी। इसके बावजूद फिल्म के जबरदस्त कोर्ट रूम ड्रामे ने इसे एक अलग ही फ्लेवर दे दिया था। यही वजह है कि साधारण कहानी पर बनी ये फिल्म सुपर हिट हुई और आज भी याद की जाती है।

'क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता'
कोर्ट रूम से जुड़ी फिल्मों की बात होती है तो याद आते हैं इंटेस सीन्स और गर्मागर्म बहस, लेकिन कम ही लोग मानते है कि ऐसी कोई फिल्म कॉमेडी के फ्लेवर के साथ बन सकती है। इस मिथ को तोड़ा गोविंदा ने अपनी फिल्म 'क्योंकि में झूठ नहीं बोलता'। फिल्म में सारा कमाल टाइमिंग का था और गोविंदा इसमें माहिर हैं, लिहाजा ये फिल्म आज तक अपने खास अंदाज के लिए जानी जाती है और अपने आप में अकेली कॉमिक फिल्म है जो अदालत के अंदर के दृश्यों को फनी अंदाज में दिखाती है।

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Posted By: Molly Seth