-यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेविएनएल से मिली याचिकाओं पर हुई सुनवाई

-उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने रखा सभी याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित

DEHRADUN: सूर्योदय स्वरोजगार योजना के तहत पावर पर्चेज एग्रीमेंट को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अपनी स्वीकृति दे दी है, लेकिन फैसला अभी सुरक्षित रखा है। यूपीसीएल द्वारा आयोग के समक्ष बिजली खरीद के लिए पीपीए के अनुमोदन के लिए 8 याचिकाएं दी गई थी। जिस पर मंगलवार को आयोग में सुनवाई हुई। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे उपभोक्ताओं के लिए क्0 मेगावाट सौर पीवी परियोजना सूर्योदय स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को रोजगार उपलब्ध कराना भी है। इस योजना के तहत ख् हजार उपभोक्ताओं द्वारा भ् किलोवाट तक की परियोजनाओं के जरिए वित्तीय लाभ देना भी है। कोई भी उपभोक्ता इस योजना से जुड़कर अपने घरों में भ् किलोवाट तक की सौर ऊर्जा के पैनल लगा सकता है। जिसमें जरूरत की बिजली खुद प्रयोग कर बाकी बिजली यूपीसीएल को बेच सकता है। इसके लिए यूपीसीएल द्वारा पावर पर्चेज एग्रीमेंट की कुछ शर्ते तय की गई थी। जो अनुमोदन के लिए आयोग में भेजे गए थे। इस पर आयोग ने अपनी सहमति दी है, लेकिन फैसला अभी सुरक्षित रख लिया है। इसके अलावा यूपीसीएल द्वारा भेजी गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई है।

ढ़करानी परियोजना का जीर्णोद्धार

साथ ही यूजेवीएनएल द्वारा ढ़करानी परियोजना के जीर्णोद्धार के लिए पूंजी निवेश के लिए दायर याचिका के तहत क्फ्7.फ्ख् करोड़ का आंकलन प्रस्तुत किया गया था। जिसे आयोग द्वारा स्वीकार कर लिया गया, लेकिन फैसला सरक्षित रखा गया। पिटकुल ने ट्रांसफार्मर की स्थापना और क्फ्ख् केवी सबस्टेशन की क्षमता वृद्धि, ख्ख्0 केवी ऋषिकेश-धरासू एवं चंबा-धरासू लाइन के डाईवर्जन, ख्ख्0 केवी सबस्टश्ेान सिडकुल, हरिद्वार क्फ्ख् केवी सबस्टेशन ज्वालापुर, हरिद्वार तक डबल सर्किट टॉवर, क्फ्ख्केवी सिंगल सर्किट ओवरहेड लाइन की संसोधित डीपीआर को लेकर याचिका दी गई थी। जिसको आयोग द्वारा स्वीकार किया गया, लेकिन विचार के बाद आदेश जारी करने के लिए कहा गया है।

फाइनल टैरिफ के लिए याचिका

चंबा, हिमाचल प्रदेश में स्थापित 70 मेगावाट जल विद्युत परियोजना के फाइनल टैरिफ निर्धारण के लिए भी मै। ग्रीनको बुद्धील हाइड्रो पावर लि। द्वारा वर्ष ख्0क्म्-क्7 व ख्0क्8-क्9 के लिए याचिका दी गई थी। याचिका पर जन सुनवाई के दौरान स्टेकहोल्डर्स द्वारा आयोग के समक्ष सुझाव प्रस्तुत किए गए। सुनवाई के दौरान आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार, तकनीकी सदस्य केपी सिंह, सचिव नीरज सती, निदेशक वित्त दीपक पांडे, निदेशक तकनीकी प्रभात डिमरी आदि शामिल रहे।

Posted By: Inextlive