-एनजीटी ने यूपी सरकार को पानी के क्वालिटी चेक कराने के दिए निर्देश

-शहर में कई मोहल्लों के नलों में जहरीला पानी पीने को मजबूर लोग

Meerut: शहर को लगा प्रदूषण का ग्रहण अब अमृतधारा को भी विषैला बना रहा है। पूरा शहर जहरीला पानी पीने को मजबूर है। कई क्षेत्रों में रासायनिक व सामान्य जल प्रदूषण के कारण पेयजल का टोटल डिजॉल्विंग सॉल्वेंट (टीडीएस) 500 से भी ऊपर पहुंच रहा है, जो मानकों से कहीं अधिक है। शहर के पानी में घुल रहे जहर का आलम यह है कि एनजीटी ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए मेरठ समेत कई जिलों के वाटर क्वालिटी कंट्रोल के निर्देश दिए हैं।

ये हैं हालात

शहर के मेडिकल व मवाना रोड क्षेत्र से होकर गुजर रही काली नदी में रासायनिक कचरा व गंदगी के कारण गांव के गांव कैंसर व अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। नदी में क्रोमियम, ¨जक, साइनियम, सिप्रोनिल, डीसीवीबी समेत बड़ी संख्या में घातक केमिकल प्रवाहित हो रहे हैं। इनके आसपास बसे गांवों के लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं। शहर में नालों के किनारे बसे मोहल्लों में जमीनी पानी में प्रदूषण की मात्रा अत्यधिक हो गई है। हैंडपंपों व टोटियों में आने वाला पेयजल का टीडीएस 500 तक है, जबकि चिकित्सकों के अनुसार सामान्य टीडीएस 0 से 100 तक होना चाहिए।

हैंड पंप भी उगल रहे जहर

शहर में नगर निगम की ओर से लगाए गए हैंड पंप भी जहरीला पानी उगल रहे हैं। इसके विपरीत सरकारी विभागों की लापरवाही का आलम यह है कि वो कभी इन नलों की पानी की सैंपलिंग कराने तक की जहमत नहीं उठाते। रासायनिक व गंदगी के कारण फिल्टर जाम हो जाते हैं और हैंडपंप जवाब दे जाते हैं। दूसरी ओर अधिकतर नलों का पानी पीला और लाल पड़ चुका है।

एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट

मेरठ समेत सूबे के कई शहरों के पानी में मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए एनजीटी ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है। एनजीटी ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो पानी की क्वालिटी की जांच कराकर उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करे। एनजीटी के मुताबिक शहर में स्कूल व हॉस्पिटल समेत सार्वजनिक स्थानों पर शहरवासी और स्कूली बच्चे विषैला पानी पीने को मजबूर हैं।

आईनेक्स्ट ने चलाया था अभियान

शहर में दूषित पानी के सेवन को लेकर आइनेक्स्ट की ओर से पानी रे पानी नाम से अभियान चलाया गया था। लगभग एक पखवाड़े तक चले अभियान के दौरान आइनेक्स्ट की टीम ने शहर के अलग-अलग मोहल्लों के पानी के सेंपल भरे और उसको लैब में टेस्ट कराया। इस लगभग पंद्रह दिन तक चले इस अभियान के दौरान एक दर्जन जगहों पर पानी में प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा निकल कर आई। यहां तक कि एक्सपर्ट ने इन जगहों के पानी के सेवन पर चेतावनी तक दे दी।

Posted By: Inextlive