मेरठ (ब्यूरो)। भूगर्भ विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल में मेरठ के 12 ब्लॉकों का वाटर लेवल तेजी से कम हुआ है। इन 12 ब्लॉकों में से डार्क जोन में शुमार खरखौदा ब्लॉक में जलस्तर तेजी से कम हुआ है। यहां पांच सालों में -3.98 मीटर जलस्तर गिरा है। वहीं दूसरे नंबर में रजपुरा का जलस्तर -2.80 गिरा है। तीसरे नंबर पर माछरा का जलस्तर -2.73 गिरा है।

पांच सालों में इतना गिरा जलस्तर (मीटर में)
माछरा - 2.73
हस्तिनापुर - 1.68
दौराला - 1.92
जानी-खुर्द - 0.46
मवाना - 2.42
मेरठ - 2.24
परीक्षितगढ़ - 1.66
खरखौदा - 3.98
रोहटा - 2.30
सरधना - 0.94
सरूरपुर - 1.88
रजपुरा - 2.80

अटल योजना में शामिल
लगातार गिरते भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए भूगर्भ विभाग ने रजपुरा और खरखौदा को अटल भूजल योजना में शामिल किया है। इन ब्लॉकों में विभाग द्वारा जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में वर्षा के जल का संचयन, पौधरोपण, बॉडी एंड वॉटर शेड डेवलपमेंट, रियूज एंड बोरवेल डिस्चार्ज स्ट्रक्चर आदि प्वाइंट पर काम किया जा रहा है।

ये हैं शहर के ब्लॉक वार वाटर लेवल स्थिति (मीटर में)
साल 2015 2021
जेलचुंगी 22.97 24.14
करन पब्लिक स्कूल 21.50 22.94
खड़ौली 14.25 13.97
एमआईइटी 13.81 16.88
पीएसी 14.15 16.90
दायमपुर 11.38 13.61
जटौली 14.61 17.71
सीएवी 20.84 21.56
जयभीम नगर 19.63 23.60
कुटी 22.87 25.39
नौचंदी 24.04 25.25
दुर्गाबाड़ी 9.95 12.72
लिसाड़ी 18 20.98
घोसीपुर 18.95 22.49
सरायकाजी 16.57 19.30
विवि कैंपस 21.78 22.18
पॉलिटेक्निक परतापुर 9.30 14.35
अब्दुल्लापुर 18.52 20.42
मेडिकल कॉलेज 22.22 23.30

ये है डार्क जोन
भूगर्भ जल में गिरावट के स्तर के आधार पर विकास खंडों को सेफ, सेमी क्रिटिकल और क्रिटिकल यानी डार्क जोन में रखा जाता है।
90 प्रतिशत से ज्यादा जल निकासी और प्री मानसून या पोस्ट मानसून (दोनों में से एक) सीजन में भूगर्भ जल में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा गिरावट होने पर उस ब्लॉक को क्रिटिकल श्रेणी में शामिल कर दिया जाता है।

एनसीआर में भूजल स्तर गिरावट-
शहर प्रति वर्ष गिरावट (सेंटीमीटर में)
प्री मानसून पोस्ट मानसून
गाजियाबाद 130.31 97.49
नोएडा 57.79 55.32
ग्रेटर नोएडा 52.38 49.58
मेरठ 26.07 44.21
बुलंदशहर 26 20.45
मुजफ्फरनगर 25.54 27.53
शामली 21.20 23.20

अटल भूजल योजना के तहत खरखौदा और रजपुरा को शामिल किया गया है। यहां पेयजल वेस्ट न करने और जल संचयन के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। इसके अलावा हम शहर में लगातार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने और सबमर्सिबल के प्रयोग को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।
नवरत्न कमल, सहायक भू-भौतिकी विधि अधिकारी