जल्द ही देश 'जीएसटी’ में एंट्री करने वाला है। इस नए टैक्स को लेकर हर इंडस्ट्री ने अपनी-अपनी तरह से तैयारियां शुरू कर दी हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट अलतमश जफर बता रहे हैं कैसे होंगे टेक्स्टाइल इंडस्ट्री में बदलाव।

वर्तमान परिदृश्य
टेक्स्टाइल से जुड़े जॉब वर्क को सर्विस टैक्स से मुक्त रखा जाता है। जहां जॉब वर्क मैन्युफैक्चरर की जिम्मेदारी होती है वहां एक्साइज चुकाना पड़ता है। हालांकि, अगर ब्रांडेड गार्मेंट्स के केस में जॉब वर्क मैन्युफैक्चरर के जिम्मे होता है तो एक्साइज चुकाने की जिम्मेदारी प्रिंसिपल मैन्युफैक्चरर की होती है, जो गुड्स का मालिक होता है, जॉब वर्कर का नहीं।

 

जॉब वर्क में 'जीएसटी’
क्या है जॉब वर्क? जहां एक इंसान दूसरे इंसान से मटीरियल रिसीव करता है ताकि प्रोसेस को आगे बढ़ाया जा सके तो, उसे जॉब वर्क कहते हैं। जॉब वर्कर मटीरियल का मालिक नहीं होता है और प्रोसेसिंग के बाद उसे मटीरियल वापस करना होता है। किसी शख्स का मटीरियल और मैन्युफैक्चरिंग गुड्स खरीदना और उसे अपनी सुविधा के मुताबिक किसी दूसरे शख्स को बेच देना जॉब वर्क नहीं कहलाएगा।


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जॉब वर्क के कुछ फीचर्स

-    हर केस में जॉब वर्क को सर्विस के तौर पर देखा जाता है। कम्पोजीशन स्कीम अवेलेबल नहीं होती।

-    जॉब वर्कर की तरफ से जो जॉब चार्जेस लिए जाएंगे वे सर्विस के बराबर होंगे और 'जीएसटी’  में उनपर टैक्स चुकाना होगा।

-    जॉब वर्कर जो गुड्स और सर्विसेज परचेज करेगा उसके लिए इनपुट क्रेडिट्स अवेलेबल होंगे।

 

रजिस्ट्रेशन:
अगर फाइनेंशियल ईयर में जॉब वर्कर का टर्नओवर 20 लाख रुपए से ज्यादा है तो उसे खुद को रजिस्टर करना होगा। अगर जॉब वर्कर कपड़े बेचने का भी बिजनेस करता है तो उसके कुल टर्नओवर को कंसीडर किया जाएगा।

 

रजिस्ट्रेशन

                 डिस्क्रिप्शन               रुपयों में टर्नओवर

1.             फाइनेंशियल ईयर में      8,00,000

                जॉब वर्क के चार्जेस

2.             गार्मेंट्स की सेल          14,00,000

                                    टोटल 22,00,000

रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।

 

 

सर्विस सप्लाई का समय

पहला केस        सर्विस प्रोवाइड किए जाने के 30 दिनों के अंदर इश्यू किया गया 'इनवॉयस’

 

        इनवॉइस की तारीख

        पेमेंट रसीद की तारीख

        जो भी पहले हो

दूसरा केस        सर्विस प्रोवाइड किए जाने के 30 दिनों के बाद इश्यू किया गया 'इनवॉयस’

        सर्विस के प्रावधान की तारीख

        पेमेंट रसीद की तारीख

        जो भी पहले हो

 

सप्लाई की जगह
जहां एक जॉब वर्कर 'जीएसटी’ में रजिस्टर्ड किसी शख्स (सर्विस पाने वाले) को जॉब वर्क सर्विसेज दे रहा है तो सप्लाई की जगह सर्विस पाने वाले की लोकेशन होगी। जहां एक जॉब वर्कर किसी ऐसे शख्स को जॉब वर्क सर्विस दे रहा है जो 'जीएसटी’  में रजिस्टर्ड नहीं है, अगर उसके एड्रेस की जानकारी मौजूद है तो सप्लाई की जगह ही एड्रेस होगा। अगर एड्रेस का पता नहीं है तो सप्लाई की जगह जॉब वर्कर की लोकेशन होगी। सप्लायर की लोकेशन और सप्लाई की जगह एक ही स्टेट में होगी, तो वहां 'सीजीएसटी’  और 'एसजीएसटी’  चार्ज किया जाएगा। जहां सप्लायर की लोकेशन और सप्लाई की जगह अलग-अलग स्टेट में होगी, वहां 'आईजीएसटी’  चार्ज किया जाएगा।


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जीएसटी के रेट

सी। नं           काम का प्रकार                                   जीएसटी रेट

1.         टेक्स्टाइल धागा, जो सिंथेटिक धागा न हो, के लिए जॉब वर्क   5 परसेंट

2.         सिंथेटिक धागे के लिए जॉब वर्क                         18 परसेंट

3.         टेक्स्टाइल फैब्रिक के लिए जॉब                           5 परसेंट

4.         कोई भी दूसरा जॉब वर्क                                18 परसेंट


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सावधानी बरतें
जॉब वर्क के लिए मिला मटीरियल जॉब वर्कर को 1 साल के अंदर गुड्स के तौर पर प्रिंसिपल मैन्युफैक्चरर को लौटाना होगा।

अगर जॉब वर्कर की अनदेखी की वजह से एक साल की चूक हो जाती है तो प्रिंसिपल मैन्युफैक्चरर को इंटरेस्ट के साथ एक्स्ट्रा 'जीएसटी’  देना होगा। यह अमाउंट प्रिंसिपल मैन्युफैक्चरर जॉब वर्कर से वसूल सकता है। यह जॉब वर्कर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है और हो सकता है कि वह अपने कस्टमर्स भी खो दे।

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Posted By: Chandramohan Mishra