Patna: पीएमसीएच के बर्न वार्ड के बेड नंबर बीस पर सीमा चौहान बदला नाम अपनी आपबीती बताती हुई रो पड़ती है. शरीर पर तेजाब की जलन व दिल में अपनों का दर्द सीमा की आंखों में यूं ही दिख जाती है.


दोनों ने बेटी की सुध नही लीपीएमसीएच में इलाज चल रहा है, मदद करने वाले हाथ भी सामने आ रहे हैं, पर अपनों का छूटा हाथ अभी तक थामने का नाम नहीं ले रहा। सीमा के पिता शंकर चौहान वेस्ट अंधेरी में इंस्पेक्टर हैं और मां कोकिला चौहान अनाथ आश्रम की सुपरिटेंडेंट। बावजूद इसके दोनों ने बेटी की सुध नही ली। चार महीने पहले की कहानी सीमा एक दम में बोल देती है। मां ने पापा को कहा था कि रेंट मत लगाना, पर कल्लू ने पापा को अपनी प्रॉब्लम बताई और पापा ने उसे रूम दे दिया। हमलोग छह भाई-बहन काफी खुश थे। एक दिन अचानक रेंट को लेकर कल्लू ने पापा और भाई से कहा कि एक दिन बेटी को उठा लूंगा। तब उन्होंने डांट-डपटकर इसे अनसुना कर दिया, पर उनलोगों को क्या पता कि यह सही कह रहा है।मार्केट में घेर लिया और
वेस्ट अंधेरी जेजे हॉस्पीटल के सामने रहने वाली सीमा ने बताया कि एक दिन वह अपनी फ्रेंड सोनिया के साथ मार्केट गई थी। एटीएम से पैसे निकाली और फिर दोनों मार्केट में आगे बढ़ गए। सोनिया आइसक्रीम खाने के लिए रुकी और मैं आगे बढ़ गई। इसके बाद कल्लू के साथ आए कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया और सामने में व्हाइट रुमाल झाडऩे लगा। इसके बाद मैं बेहोश हो गई। जब होश में आयी, तो पश्चिम चंपारण स्थित दरुआ चरीहानी में थी।पंद्रह हजार में बेचा था मुझे सीमा की जब आंख खुली, तो वह दरुआ चरीहानी में बुनेल के पापा के पास थी। उनलोगों ने सीमा के साथ काफी ज्यादती की। सीमा ने बताया कि दिनरात जबरदस्ती करता था। मैं काफी विरोध करती, पर वह मानने को तैयार नहीं था। उनलोगों ने बताया कि कल्लू ने मुझे 15000 रुपए में बेचा है। जब मैं चिल्लाती, तो मुझे नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश कर देता था। इसके बाद एक दिन शरीर पर तेजाब डालकर स्टेशन पर फेंक दिया, जिसके बाद मैं यहां हूं। डॉक्टरों ने बताया कि वह पे्रग्नेंट भी है।

Posted By: Inextlive