- संपन्न परिवारों के लोग भी कम्युनिटी किचन में फोन कर मंगा रहे खाना

- पहले पूछते हैं मेन्यू, खिचड़ी का नाम सुनते ही बिदक जाते हैं

LUCKNOW: नगर निगम के कम्युनिटी किचन में सुबह 10 बजे फोन आया, फोन रिसीव होते ही उसने पूछा कि आप नगर निगम से बोल रहे हैं। जवाब हां में मिलते ही उसने पूछा कि क्या हमें खाना मिल जाएगा। निगम कर्मी ने जब हां कहा तो फोन करने वाले ने पूछा, क्या चिकन या पनीर मिल जाएगा। निगम कर्मी ने जब कहा कि यह होटल नहीं है, सादा खाना मिलेगा तो उसने फोन काट दिया। कुछ देर बाद ही यहां दूसरी कॉल आई और खाने के मेन्यू के बारे में पूछा गया। जब उसे बताया गया कि आज खिचड़ी बनी है तो उसने कहा, ढंग का खाना नहीं बनवा सकते हो, हालांकि बाद में वह खिचड़ी लेने को तैयार हो गया और टीम ने उसके घर खिचड़ी पहुंचवाई।

तीन मंजिल के मकान में एसी भी लगे

निगम की टीम इस व्यक्ति के घर पहुंचकर दंग रह गई। यह व्यक्ति तीन मंजिला आलीशान मकान का मालिक था। घर के हर फ्लोर में एसी लगे थे। काफी संपन्न होने के बाद भी इसने खाना मंगवाया था। टीम ने उसे समझाया कि यह खाना जरूरतमंदों के लिए है, आप जैसे संपन्न लोगों के लिए नहीं। इस पर वह गुस्साकर बोला, तुम्हारा काम खाना पहुंचाना है, अपना काम करो। निगम के कम्युनिटी किचन में डेली तीन से चार ऐसी कॉल आ रही हैं। जिससे जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने में समस्या हो रही है।

किराएदारों के लिए खाना भेज दो

कई मकान मालिक अपने किराएदारों के लिए खाना मंगवा रहे हैं। ये फोन करके कहते हैं कि उनके किराएदार गरीब हैं, उन्हें खाना चाहिए। निगम का कर्मचारी जब इनसे कहता है कि आप अपने किराएदारों की मदद करें तो ये बोलते हैं कि हमने इनका ठेका नहीं लिया है, खाना पहुंचाना आपकी जिम्मेदारी है।

तैयार हो रही है लिस्ट

निगम प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों की लिस्ट बनवाई जा रही है, जो संपन्न होने के बाद भी कम्युनिटी किचन से खाना मंगवा रहे हैं। निगम प्रशासन की माने तो इन लोगों पर एक्शन लिया जाएगा।

इन इलाकों से कॉल

जोनल अधिकारियों की माने तो गोमती नगर, इंदिरानगर, अलीगंज, आलमबाग, खुनखुनजी रोड, आशियाना, कृष्णानगर जैसे पॉश एरिया से खाना पहुंचाने के लिए कॉल आती हैं।

नंबर गेम

5 से 7 हजार के लिए डेली खाना बनता है एक कम्युनिटी किचन में

3 से 4 कॉल आती हैं एक किचन में संपन्न परिवारों की

2 से 3 इलाकों से ज्यादा आती हैं ऐसी कॉल

बाक्स

आनी चाहिए शर्म

कम्युनिटी किचन का कॉन्सेप्ट गरीब और बेसहारा लोगों की भूख मिटाना है लेकिन कुछ संपन्न लोगों ने इसे तमाशा बना दिया है। ऐसे लोग चाहें तो दूसरों की मदद कर सकते हैं लेकिन ये गरीब और मजबूर लोगों के खाने पर भी डाका डाल रहे हैं। इस आपदा की घड़ी में इन्हें शर्म आनी चाहिए।

वर्जन

कई संपन्न लोग कॉल करके खाना मंगवाते हैं, यह ठीक नहीं है। हमारा लक्ष्य गरीब और बेसहारा लोगों तक खाना पहुंचाना है। इस समय सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जो ऐसी हरकत करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive