यहां तो थिनर से बन रही है शराब
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PATNA (31 Oct) : हाल ही में रोहतास जिले के कछवा थाने के दानवर गांव में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कई गंभीर रूप से घायल है, जिनका इलाज चल रहा है। इससे पता चलता है कि राज्य में शराबबंदी का कुछ खासा असर नहीं हुआ है। राज्य में अब कई ऐसे लोग भी सक्रिय हो गए है, जो थिनर मिलाकर शराब तैयार कर रहे है और इस शराब का सेवन करना सीधा मौत को बुलावा देना है। आज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट राज्य में थिनर से शराब बनाने के मामले में एक सनसनीखेज खुलासा करने जा रहा है। ये है पूरा मामलाख्भ् जून को जहानाबाद के नगर थाना की पुलिस ने राजाबाजार महावीर मंदिर के पास एक लावारिस फोर व्हीलर देखी। गाड़ी का नंबर बीआर 0क् एजी भ्8ब्फ् था। गाड़ी क ा शीशा चारों तरफ से लॉक था और उसके अंदर एक काला बैग रखा हुआ था।
पुलिस ने दरवाजा खोलकर जब बैग की तलाशी ली तो उसमें 7भ्0 एमएल के दो बोतल, फ्7भ् एमएल के रॉयल स्टेग के फ् और क्80 एमएल का भ् बोतल मिला। इसके साथ दो अलग-अलगबोतलों में स्प्रिट या थिनर की भी बोतलें भी पाई गई। वाहन के मालिक के बारे में जांच करने पर पचा चला कि गाड़ी सिद्धेश्वर सिंह पिता स्व। मितरात सिंह, किं जर नगला के पास, थाना मखदुमपुर जिला अरवल की है। ज?त किए 7भ्0 एमएल के बोतल में सिलिका बॉटलिंग एंड ?लेडिंग प्रालि, रातू रोड, रांची और शक्ति ब्ख्.8 प्रतिशत लिखा पाया गया। इसके बाद इसके सैंपल को जांच के लिए पटना लैब भेजा गया।
शराब के सैंपल में बड़ी मात्रा पाया गया थिनरउत्पाद रसायन परीक्षक के द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि रॉयल स्टैग शराब के नमूने में क्0.97 पावर का मिनरल स्प्रिट (थिनर) और दूसरे बोतल में रखे लिक्विड के सैंपल में ब्.8 पावर का मिनरल स्प्रिट (थिनर) मौजूद है। एक्सपर्ट बताते हैं कि थिनर सिंथेटिक अल्कोहल है,जो कि सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। थिनर का यूज मेनली पेंट, पॉलिश आदि में होता है। मगर इसमें रंग मिलाकर नकली व्हिस्की बनाकर आरएस के ओरिजनल बोतल में पैक किया गया है। बता दें कि थिनर से शराब बनाने का मामला राज्य में पहली बार सामने आया है। इस संबंध में जब उत्पाद रसायन परीक्षक सुबोध कुमार यादव से बात की गई, तो उनका कहना था कि ऐसा एक मामला जहानाबाद से आया है। मगर इस बारे में अधिक नहीं बता सकेंगे। आप विभाग के कमिश्नर या जहानाबाद के एसपी से बात करें।
थिनर से बना शराब पीने से ?लाइंडलेस की संभावना ज्यादा होती है। इसका सेवन करने वाला अंधा हो सकता है और इसका इलाज भी नहीं है।डॉ। सुधीर कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर एनएमसीएचजैसे ताड़ी में नशा बढ़ाने के लिए यूरिया मिलाया जाता है, उसी तरह विदेशी शराब में स्प्रिट की जगह थिनर का यूज करने से लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है। दोनों फेल भी हो सकता है। मौत भी संभव है।डॉ। अजय कुमार सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर, एनएमसीएच