मुख्य सचिव के अनुसार प्रदेश में 9972 अस्पताल, सभी में बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण का प्रबंध

हाई कोर्ट ने कहा इलाहाबाद में ही इससे ज्यादा बायो मेडिकल कचरा देने वाले संस्थान तो आंकड़ा सही कैसे

ALLAHABAD@inextc.o.in

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के बायो मेडिकल कचरा निस्तारण नियमों के पालन पर मुख्य सचिव के पांच हलफनामों के बाद भी पूरी जानकारी न मिल पाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अधूरी जानकारी देकर न्यायिक प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने की कोशिश न करें। कोर्ट ने मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव पर्यावरण से 21 सितम्बर तक आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के साथ विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया है।

अपर महाधिवक्ता बोले

सरकार बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर गंभीर है

नियमावली का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है जिसके लिए समय चाहिए

कोर्ट आदेश व नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा

उन्होंने मुख्य सचिव का हलफनामा दाखिल किया

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्य सचिव को तलब न करने के आदेश की जानकारी दी

कोर्ट ने कहा

जिलेवार कचरे का न्योता मांगा था साथ ही कचरे को अलग करने व अन्य के साथ न मिलाया जाए। इसकी जानकारी मांगी थी।

बार-बार हलफनामा दाखिल होने के बावजूद विरोधाभाषी व अधूरी जानकारी देना न्यायिक कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न करना है

मुख्य सचिव के अनुसार प्रदेश में 9972 अस्पताल है जिनके कचरे के निस्तारण के प्रबंध किए जा रहे हैं

कोर्ट ने अस्पताल संख्या के आंकड़े को सही नहीं माना और कहा कि इलाहाबाद जिले में ही 10 हजार अस्पताल नर्सिग होम व क्लीनिक होंगे

मेडिकल कचरा लोगों के जीवन के लिए घातक है। सरकार ऐसे मुद्दे पर नियमों की अनदेखी नहीं कर सकती।

-इलाहाबाद हाई कोर्ट

Posted By: Inextlive