उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष की याचिका पर दाखिल करना है जवाब

15 को होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष अनिल प्रताप सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की वैधता की चुनौती याचिका पर भारतीय बार कौंसिल को जवाब दाखिल करने का अन्तिम अवसर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बार कौंसिल बताये कि अध्यक्ष को किस कानून के तहत अन्तरिम आदेश देने का अधिकार है। याचिका की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।

दो जजों की बेंच ने की सुनवाई

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा जस्टिस राजुल भार्गव की खण्डपीठ ने अनिल प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव से अध्यक्ष को हटाने पर रोक लगा रखी है। याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, बार कौंसिल उप्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह व भारतीय बार कौंसिल की तरफ से अधिवक्ता राजीव मिश्र ने पक्ष रखा।

भारतीय बार कौंसिल के बाध्यकारी नियम को चुनौती

उप्र बार कौंसिल के सदस्य रोहिताश्वर अग्रवाल ने भारतीय बार कौंसिल के पदाधिकारियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया तय करने के बाध्यकारी निर्देश की वैधानिकता को चुनौती दी है।

जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खण्डपीठ ने याचिका को सक्षम न्यायालय के समक्ष सुनवाई हेतु 13 फरवरीको पेश करने का निर्देश दिया है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह का कहना है कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया प्रदेश बार कौंसिल को नियम बनाने को बाध्य नहीं कर सकती। भारतीय बार कौंसिल ने आरोपों की जांच रिपोर्ट के बाद ही आरोप की पुष्टि होने पर अविश्वास प्रस्ताव लाने का नियम बनाने का निर्देश दिया है।

Posted By: Inextlive