आसान नहीं है चीयरलीडर्स की 'डगर', मिलती है इतनी सैलरी
साउथ अफ्रीका और अमेरिका से आती हैं चियरलीडर्सदरअसल, इन चियरलीडर्स को बकायदा एक सेलेक्शन ट्रायल के बाद फाइनल किया जाता है। इस ट्रायल में सैकड़ों चियरलीडर्स हिस्सा लेती हैं, जिनमें कुछ लोगों को ही आईपीएल में मौका दिया जाता है। ये ट्रायल पूरी दुनिया में चलाया जाता है, जिसमें साउथ अफ्रीका, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों का डॉमिनेंस रहता है।
चीयरलीडर्स का काम इतना भी आसान नहीं होता, क्योंकि जब वो मैदान पर परफॉर्म करती हैं तो उन्हें दर्शकों की हूटिंग भी झेलनी पड़ती है। कई दर्शक गंदी फब्तियां भी कसते हैं, लेकिन वो उन पर ध्यान नहीं देती हैं। गुजरात की सेलिना डर्बी के मुताबिक, हिंदी में गालियां उन्हें समझ में नहीं आतीं, लेकिन जब कुछ लोग अंग्रेजी में उन्हें गालियां या अश्लील बाते करते हैं तो उन्हें खराब लगता है। हालांकि वो किसी बात पर रिएक्ट नहीं करती हैं। तीसरी बार आईपीएल का हिस्सा बनीं सेलिना के मुताबिक, आईपीएल की शुरुआत में ये सारी चीजें ज्यादा होती थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे बदलाव आ गया है। अब लोग सिर्फ उन्हें नहीं बल्कि उनके डांस को भी देखने आते है।
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