दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और यह भी साफ़ है कि राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी विपक्ष में बैठने का मन बना रहे हैं. ऐसे में नई सरकार के गठन पर सवालिया निशान लग गया है.


भाजपा की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे डॉक्टर हर्षवर्द्धन का कहना है कि आम आदमी पार्टी एक पक्षपातपूर्ण आन्दोलन से निकला 'सेल्फिश बायप्रोडक्ट' (ख़ुदगर्ज़ नतीजा) है और जैसा ये लोग दावा करते हैं, वैसा वास्तव में नहीं है.सरकार के गठन की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार का गठन हो, लेकिन वह मजबूर हैं.दूसरी ओर  आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया का कहना है कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है. उनका कहना है कि यदि 'आप', कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से मिलकर दिल्ली की सरकार बनाती है तो पार्टी जनता से किए अपने वादे पूरे नहीं कर पाएगी.दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में भाजपा को 31, आप को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली हैं. अन्य के खाते में तीन सीटें आईं हैं.हर्षवर्द्धन- भारतीय जनता पार्टी


मनीष सिसोदिया ने बीबीसी से कहा कि, "ये हमारी जीत नहीं है. ये जीत तो उन लोगों की है जो भ्रष्टाचार से दुखी थे. जो अपराध और पैसे की राजनीति से मुक्ति चाहते थे. तो उन लोगों ने दिल्ली में यह एक नया प्रयोग किया है."

पार्टी को मिली ज़ोरदार कामयाबी के बाद सरकार बनाने की संभावनाओं के बारे में मनीष ने कहा, "सरकार बनाने का जनादेश हमें नहीं मिला है. हमें तो विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, इसलिए अब उसे ही सोचना है कि आगे क्या करना है."उन्होंने आगे कहा, "हम चाहेंगे कि हमारी भूमिका विपक्ष की रहे. हम एक सकारात्मक और चुनौतीपूर्ण विपक्ष की भूमिका निभाना चाहेंगे.""हमारी कांग्रेस के किसी भी नेता से कोई बातचीत नहीं हुई है और इस बारे में हम कांग्रेस से कोई बातचीत करना भी नहीं चाहेंगे."-मनीष सिसौदिया, आम आदमी पार्टीइस बीच ख़बर है कि  कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को कुछ ऐसे संकेत भेजे हैं कि वो उसके साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है.बातचीत से परहेजइस बारे में पूछने पर मनीष सिसोदिया ने कहा, "हमें तो अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है." उन्होंने कहा कि उनकी कांग्रेस के किसी भी नेता से कोई बातचीत नहीं हुई है और इस बारे में वो कांग्रेस से कोई बातचीत करना भी नहीं चाहेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी कांग्रेस या  भाजपा के समर्थन से सरकार बना भी लेती है तो वो उन वादों को पूरा नहीं कर पाएगी जो उसने दिल्ली की जनता से किए हैं.उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की जिस तरह की राजनीति रही है, वो आम आदमी पार्टी की नीतियों से मेल नहीं खाती है.मनीष ने कहा "दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार ने ही बिजली के दाम बढ़ाए और अगर अब हम उनके साथ ही मिलकर सरकार बनाएंगे तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वो हमें बिजली के दाम कम करने देगी."आम आदमी पार्टी के विधायकों के टूटने की आशंका को नकारते हुए उन्होंने कहा "हमारे लोग तमाम स्ट्रिंग ऑपरेशन और खींचतान के बावजूद पाक-साफ निकले हैं. हमें तो गर्व होता है कि हम ऐसे लोगों के साथ चुनाव लड़ रहे थे."

Posted By: Subhesh Sharma