वियना युनिवर्सटी के साइंटिस्ट्स की रिसर्च है कि ज्यादातर लोग अपना इमोशनल अटैचमेंट शो करने के लिए हग करते हैं. पर हग के दूसरे कई फायदे भी हैं. यह मेमोरी बढ़ाने और सट्रेस कम करने में भी मेन रोल प्ले करता है. ऐसा साइंटिस्ट्स ने एक रिसर्च के बेसिस पर क्लेम किया है.


न्यूज पेपर डेली मेल के अकार्डिंग वियना युनिवर्सटी में हुए रिसर्च में साइंटिस्ट्स ने पाया कि जब कोई अपने किसी फ्रेंड को हग करता है तो उसके बल्ड में आक्सीटोसिन हार्मोन्स फ्लो होने लगते हैं. जो ब्लड प्रेशर, स्टेस कम करता है और मेमोरी बढ़ाता है. साइंटिस्ट्स ने कहा, आक्सीटोसिन की सोशल बिहेवियर में बड़ा रोल है. यह पेरेंट्स, बच्चों, कपल्स में क्लोजनेस बढ़ाता है.  फीमेल्स में बच्चे के जन्म और उनके ब्रेस्टफीडिंग के समय भी यह हार्मोन इफेक्टिव होता है और बच्चे के साथ मदर के रिलेशंस को स्ट्रांग करता है.


रिसर्चस ने कहा, जब कोई किसी चाहने वाले का हग करता है तो उनमें सिम्पेथी बढ़ती है. हग से तभी पॉजिटिव इफैक्ट पड़ता है जब लोग एक दूसरे पर ट्रस्ट करते हैं और हर वक्त एक दूसरे की फीलिंग्स को समझकर फील करते हैं. ये बात एकदम सच है कि फीलिंग्स छुपाए नहीं छुपती और न्यूरोफिजियोलाजिस्ट जुगेन सेंडकुलर की बात से ये प्रूव हो जाता है. उनके अकार्डिंग, ऐसे लोग जो एक दूसरे को नहीं जानते और हग नहीं करना चाहते हैं उन लोगों पर हग का कोई इफेक्ट नहीं होता.

हमारी इच्छा के बिना अगर कोई ऐसा इंसान हग करें जिसे हम अच्छे से नहीं जानते या पसंद नहीं करते हैं तो आक्सीटोसिन हार्मोन एक्टिव नहीं होता. इसके अपोजिट ऐसा करने से हमारे स्ट्रेस का लेवल बढ़ जाता है. उन्होंने कहा, हग अच्छा है पर कौन कितनी देर हग करता है इसका आक्सीटोसिन पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता. इफेक्ट सिर्फ इस दौरान एक दूसरे पर ट्रस्ट से होता है.

Posted By: Surabhi Yadav