वाराणसी (ब्यूरो)सिगरा निवासी रमेश ने सोशल मीडिया खोला तो एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल की नामचीन एंकर एक सट्टा एप का प्रमोशन करती दिख रही थींइसमें विराट कोहली को इसका प्रमोटर बताया जा रहा थाएक पुरानी वीडियो में विराट कोहली को इस तरह बोलते दिखाया गया कि मानों वह कोहली ही बोल रहे हैंफिर क्या रमेश ने विश्वास करके एप पर दस हजार रुपए का सट्टïा लगा दियालेकिन, उसे क्या मालूम था कि साइबर अपराधी एआई आधारित तकनीक का दुरुपयोग कर लोगों से वित्तीय धोखाधड़ी कर रहे हैंजब उसे फ्रॉड का अहसास हुआ तो वह साइबर थाने गयापांच लाख से कम का फ्रॉड होने पर उसे नजदीकी थाने भेज दिया गयाफिर उसने अपनी शिकायत दर्ज कराईइस तरह के दो से तीन केस वाराणसी में रोजाना आ रहे हैैं.

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साइबर एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता ने बताया, देश का नामचीन व्यक्ति आपसे किसी सट्टा एप में पैसा लगाने को बोल रहा हैकोई अपनी विचारधारा के विपरित ही बयान देता दिख रहा हैऐसा अगर आप भी देख रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत हैयह सब असली नहीं बल्कि डीपफेक का कमाल हैसावधान नहीं हुए तो और न सिर्फ वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होंगे बल्कि अपराधी भी बन सकते हैंकिसी ऐसी वीडियो जिसे आप असली समझ रहे हैं उसे प्रसारित करने पर पुलिस आपके दरवाजे पर भी पहुंच सकती है.

क्या होता है डीपफेक

डीप फेक 'डीप लर्निंगÓ और 'फेकÓ का मिश्रण हैइसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग कर किसी मीडिया फाइल (चित्र, ऑडियो व वीडियो) की नकली कॉपी तैयार की जाती है, जो वास्तविक फाइल की तरह ही दिखती है और ठीक उसी तरह बातचीत करती है या उसी तरह की आवाज निकालती है, जैसी संबंधित व्यक्ति की असल में होती हैदूसरे शब्दों में कहें, तो डीप फेक अपने सबसे सामान्य रूप में ऐसे वीडियो होते हैं, जहां एक व्यक्ति के चेहरे को कंप्यूटर जनित चेहरे से बदल दिया गया होता हैये वीडियो डिजिटल सॉफ्टवेयर, मशीन लर्निंग और फेस स्वैपिंग का उपयोग करके बनाए गए कृत्रिम वीडियो होते हैं.

कैसे बरतें सावधानी

- वीडियो को गौर से और बार-बार देखेंअसली और नकली का फर्क समझ में आ सकता है.

- एआई के माध्यम से तैयार आवाज का धारा प्रवाह सामान्य से थोड़ा अलग होता है.

- संबंधित वीडियो के बारे में इंटरनेट पर जरूर चेक कर लेंबहुत से फैक्ट चेक पोर्टल सच्चाई सामने ला सकते हैं.

- कोई बड़ा आदमी प्रमोशन कर रहा है तो यह जरूर सोचें कि उसे एक एप का प्रमोशन करने से क्या मिलेगा.

- फिल्म स्टार प्रमोशन कर सकते हैं लेकिन उद्योगपति अपने से अलग उत्पाद का प्रमोशन क्यों करेगा? यह भी सोचें.

यहां करें कंप्लेन

7839856954-हेल्पलाइन साइबर सेल (वाराणसी)

1930- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर होम मिनिस्ट्री

एनसीसीपीआर- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल

फैक्ट एंड फीगर

12 से 15 साइबर क्राइम की घटनाएं डेली

2 से 3 मामले डीपफेक के आ रहे सामने

2693 मामले पिछले साल आए ठगी के

35 मामले दर्ज हुए साइबर थाने में

386 मुकदमे दर्ज हुए थानों में साइबर ठगी के

साइबर थाना में डीपफेक के मामले रोजाना दो से तीन केस आ रहे हैैंहालांकि, रजिस्टर्ड एक भी नहीं हैंअधिकतर मामलों में लोग जागरूक हैैंकम राशि वाले मामलों को संबंधित थानों में भेज दिया जाता है.

विजय नारायण मिश्रा, प्रभारी, साइबर थाना

आंकड़ों में साइबर क्राइम

साल ----- शिकार लोग ---- अमाउंट

2021 ----- 1820 -------- 17 करोड़

2022 ----- 2060 -------- 21.5 करोड़

2023 ----- 2700 -------- 27.5 करोड़

(नोट: आंकड़े साइबर सेल और थानों के अनुसार हैं। 2023 में 2300 लोगों के साथ मनी फ्रॉड हुआ हैतीन साल में काशी जोन के लोग सर्वाधिक शिकार हुए हैं.)