माफी मांगने के मामले पर गोविंदा ने ऐसे दिया अदालत के फैसले को सम्मान
ऐसी है जानकारी
गोविंदा ने कहा है कि वह अदालत के आदेश का पूरी तरह से सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले की प्रति आ जाने के बाद ही वह फैसला करेंगे। याद दिला दें कि उच्चतम न्यायालय ने 2008 में एक प्रशंसक को थप्पड मारने के लिए गोविंदा को उससे माफी मांगने का आदेश दिया था।
फैसले का करते हैं सम्मान
जानकारी देते हुए गोविंदा ने संवाददाताओं से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, जो सर्वोच्च आदेश है। उन्हें अभी तक अदालत का पत्र नहीं मिला है। ऐसे में वह उसपर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी मुद्दा है और वह इसपर टिप्पणी करने से बचेंगे।
ऐसा कहा गोविंदा ने
उनका कहना है कि जब तक कि उनको न्यायालय की ओर से पत्र नहीं मिल जाता, तब तक का इंतजार करेंगे। एकबार पत्र मिल जाने के बाद वह जानकारी देंगे कि वह इस बारे में कैसा महसूस करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने एक दिन पहले गोविंदा को सलाह दी थी कि वह अपने प्रशंसक से माफी मांगें। एक प्रशंसक ने गोविंदा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने गोविंदा पर थप्पड़ मारने और उन्हें डराने-धमकाने का आरोप लगाया था। यह वाक्या 16 जनवरी 2008 को अभिनेता के एक फिल्म के सेट पर हुआ था।
ऐसा कहा न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की पीठ ने
इस पूरे मामले में न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की पीठ ने कहा था कि लोग आपकी फिल्मों को देखकर आनंदित होते हैं, लेकिन आप किसी को थप्पड मारें इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। न्यायालय ने शिकायतकर्ता संतोष राय संग गोविंदा को विवाद का हल निकाल लेने का सुझाव दिया था। हालांकि अभिनेता ने राय की मंशा पर संदेह जताया है और कहा कि कैसे कोई बिना किसी के समर्थन के इतने वर्षों तक मामला लड़ते रह सकता है।