हाल ही में वनडे को लेकर आईसीसी यानी कि इंटरनेशनल क्रिकेट कांउसिल ने कुछ खास बदलाव किए हैं। नो बॉल और फ्री हिट को लेकर ये नए नियम बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका के बीच जारी सीरीज से लागू भी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही आईसीसी ने अब फील्डिंग के विवादास्पद 'मांकड़िंग'नियम को भी मंजूरी दे दी है। यह नियम 8 जुलाई से लागू हो हो जाएगा।


कल 8 जुलाई से लागू हाल ही आईसीसी यानी कि इंटरनेशनल क्रिकेट कांउसिल ने वन डे क्रिकेट मैचों में कुछ खास नियमों मंजूरी दी है। जी हां हाल ही में नो बॉल और फ्री हिट को लेकर बने ये नियम लागू भी हो गए हैं। बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका के बीच जारी सीरीज अब इन्हीं बदले नियमों के तहत खेली जा रही है। इसके साथ ही अब आईसीसी ने फील्िडंग को लेकर भी विवादास्पद नियम 'मांकड़िंग'को मंजूरी दे दी है। लगभग 70 साल बाद अमल में लाया जा रहा यह नियम कल 8 जुलाई से लागू हो जाएगा। आईसीसी की ओर इस मांकड़िंग नियम के लागू होने से अब बोलर गेंद फेंकने से पहले, नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज को आउट कर सकता है या फिर उसे आउट करने की कोशिश कर सकता है। उसकी इस कोशिश को मांकड़िंग नाम से पुकारा जाता है।कब बना था ये'मांकड़िंग'
भारत के महान लेफ्ट आर्म स्पिनर वीनू मांकड़ के नाम पर ही ये मांकड़िंग नियम बना है। ऐसे में जब भी कोई गेंद बाज वन डे में अपने रन-अप के दौरान गेंद फेंकेने से पहले नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज को आउट करने की कोशिश करता है तो उसे मांकड़िंग कहा जाता है। हालांकि इस नियम को लेकर हमेशा ही विवाद बना रहा है। इस नियम के बनने के पीछे बताया जाता है कि वीनू मांकड़ 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेल रहे थे। इस दौरान उन्होंने पहली बार किसी बल्लेबाज को इसी अंदाज में आउट किया था। जिससे वीनू मांकड़ के इस तरीके की तीखी आलोचना हुई थी। हर ओर से इसे खेल भावना के और खेल के नियमों बताया गया है। वहीं कुछ लोग इस नियम को लागू करने की मांग कर रहे थे। ऐसे में इतने सालों से विवादों में लटके इस नियम को आईसीसी ने लागू किया।

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Posted By: Shweta Mishra