महज दिखावे का आईसीयू, मेल मेडिसिन वार्ड बंद

करोड़ों का इंफ्रास्ट्रक्चर शोपीस बना, स्टाफ की कमी से परेशान मरीज

Meerut। अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों की पहुंच से कोसों दूर हैं। कई साल से तैयार खड़ी बिल्डिंग मात्र दिखावा बन कर रह गई है। वहीं चलते वार्डो में भी ताला जड़ने की नौबत आ चुकी है। स्टाफ की कमी दिनों-दिन भारी पड़ती जा रही है। ये स्थिति तब है जब बीमारियों का प्रकोप हावी है और स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए आस-पास के सभी जिलों से मरीज मेरठ आ रहे हैं।

दिखावे का आईसीयू

गंभीर मरीजों के लिए जिला अस्पताल में करीब दो साल पहले आईसीयू तैयार किया गया था। 12 बेड की ये इंटेंसिव केयर यूनिट महज वीआईपी इंस्पेक्शपन के लिए दिखावा बन गई है। अस्पताल में मंत्रियों और प्रभारियों के निरीक्षण से पहले इसे खोल दिया गया था। मरीज भी भर्ती किए गए थे। लेकिन दौरा खत्म होते ही एक बार फिर यहां ताला लटका दिया गया है। 92 लाख रूपये से ज्यादा के उपकरण वाली इस यूनिट का मरीजों को कोई लाभ नहीं हैं। हालांकि शासन ने इसका ब्यौरा भी मांगा था वहीं 2019 में ही इसे चालू करने की रूपरेखा भी तैयार की गई थी। लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से इसे फिर बंद कर दिया गया है।

मेल मेडिसिन वार्ड में ताला

पिछले दिनों जिला अस्पताल में चल रहे 25 बेड के मेल मेडिसिन वार्ड पर भी ताला लटक गया है। वजह यहां नेशनल हेल्थ मिशन यानी एनएचएम की ओर से दिया गया स्टॉफ ड्यूटी कर रहा था। पिछले दिनों एनएचएम ने सबको हटा दिया। करीब 70 लोगों के जाने से वार्ड की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन को वार्ड बंद करना पड़ा। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मेडिसिन के मरीजों को ऑर्थो वार्ड में एडजस्ट किया जा रहा है।

यहां न दवाइयां मिल रही है। न ही डॉक्टर मिल पाते हैं। मरीज को बाहर से लेकर आए थे, लेकिन दूसरे अस्पताल में एडमिट कर दिया गया है।

रमेश कुमार, तीमारदार

सरकारी अस्पताल में इलाज मिलना मुश्किल हो गया हैं। मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है। ठीक से इलाज भी नहीं मिल रहा है।

नूरजहां, तीमारदार

अस्पताल में मरीज को एडमिट नहीं कर रहे हैं। बस दवाई देकर घर भेज देते हैं। अगर मरीज गंभीर है तो मेडिकल रेफर कर दिया जा रहा है।

अमीना, तीमारदार

हमारे पास स्टाफ की कमी है। बिना स्टाफ के मेडिसिन वार्ड को चलाना संभव नहीं हो रहा था। मरीजों को दूसरे वार्ड में मर्ज कर दिया गया है। आईसीयू के लिए भी स्टाफ की जरूरत है। बिना स्टाफ के संचालन करना मुश्किल है। शासन को लगातार पत्र भेजकर अवगत करवाया जा रहा है।

डॉ। पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive