जब जीरो दिया मेरे भारत ने भारत ने मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आई तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले समझाई देता ना दशमलव भारत तो यूं चांद पे जाना मुश्किल था। फिल्‍म पूरब और पश्चिम में मनोज बाजपेई ने ये गाना गाकर बताया था कि भारत ने विश्‍व को कितना कुछ दिया है। हम आप को दुनिया को भारत की ओर से मिलने वाले पांच आविष्‍कारों के बारे में बताने जा रहे हैं।

 

 

शून्य

आज पूरी दुनिया में जीरो पॉपुलर है। बिना जीरो के आज सब कुछ असंभव है। ऐसे यह संख्या भारत की ही देन है। जीरो भारत ने ही इस दुनिया को दिया है। अंकगणित में भारतीय ने सबसे पहले जीरो का प्रयोग किया था। 

शैम्पू

शैम्पू शब्द का अविष्कारक भारत ही है। यह शब्द मूलतः हिंदी शब्द चांपो से बनाया गया है। जिसका अथ सिर की मालिश की मालिश करना होता है। 1762 के करीब यह शब्द शैंपू में बदल गया है। उस समय मुगल शासक खुशबूदार चीजों से सिर की मसाज कराते थे। बिहार के रहने वाले शेख दीन मोहम्मद ने ब्रिटेन को शैम्पू के बारे में बताया था। 

दशमलव

पाँचवीं शताब्दी में भारत में आर्यभट्ट द्वारा अंक संज्ञाओं का आविष्कार हुआ था। संख्याओं के छोटे भागों को व्यक्त करने के लिए दशमलव प्रणाली प्रयोग में आई। अंकों को दस चिन्हों के माध्यम से व्यक्त करने की प्रथा का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम भारत में ही हुआ था। 

 

 

Posted By: Prabha Punj Mishra