चीन और पाकिस्‍तान सहित किसी भी दुश्‍मन के नापाक मंसूबों को हवा में ही ठिकाने लगाने के लिए भारत डेढ़ साल से एस-400 एयर डिफेंस सिस्‍टम की खरीदना चाहता है। बातचीत डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी और कीमत को लेकर अभी तक डील फाइनल नहीं हो पाई है। इधर चीन में इसकी आपूर्ति रूस से शुरू भी हो गई है। चीन ने रूस से यह सौदा 2014 में किया था। अब उम्‍मीद जताई जा रही है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन के मास्‍को दौरे में इस डील पर अंतिम मुंहर लग सकती है।


चीन से जुड़ी 4000 किमी सीमा, चीन में एस-400 की आपूर्ति शुरूभारत-चीन से जुड़ी 4000 कीमी सीमा है। भारत अपनी सैन्य तैयारियों के मद्देनजर एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदना चाहता है। चीन ने इसी मिसाइल सिस्टम के लिए रूस से 2014 में सौदा किया था। रूस से चीन में इसकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है। हालांकि यह साफ नहीं है कि चीन ऐसे कितने मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है। भारत में अभी तक इसकी डील फाइनल नहीं हो पाई है। पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से इसकी कीमत को लेकर मामला अटका हुआ है।400 किमी की वायु सीमा को सुरक्षित करने में सक्षम में एस-400
एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम रूस की अलमाझ एंटे कंपनी बनाती है। रूस की सेना में इसे 2007 में शामिल किया गया था। भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन की मास्को यात्रा के दौरान उम्मीद है कि इस सौदे को अंतिम रूप दे दिया जाए। उम्मीद है कि भारत कम से कम 5 ऐसे सिस्टम देश की वायु सीमा को सुरक्षित करने के लिए खरीदेगा। एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की मारक क्षमता 400 किमी है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh