भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबोट के बीच परमाणु सहित चार अहम क्षेत्रों पर समझौते हुए. इस दौरान भारत और आस्ट्रेलिया ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे कैनबरा अब नई दिल्ली को यूरेनियम की आपूर्ति कर सकेगा. गौरतलब है कि बिजली की कमी झेलने वाले भारत को परमाणु बिजली उत्पादन के लिए यूरेनियम की सख़्त ज़रूरत है.


कृषि अनुसंधान में सहयोग के सहमति ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर दिल्ली में एक सम्मेलन के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में परमाणु ईंधन यूरेनियम की आपूर्ति का मार्ग भी प्रशस्त किया. एबोट ने शुक्रवार को दोपहर बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से भी मुलाकात की. दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में उद्यानिकी फसल संवर्धन पशु टीकाकरण संकरण, फसल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों और कृषि अनुसंधान में सहयोग को लेकर एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.कौन से हैं समझौते वाले अन्य तीन क्षेत्रभारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच परमाणु क्षेत्र के अलावा जिन तीन अन्य क्षेत्रों पर समझौता हुआ है, वह हैं शिक्षा, खेल और विज्ञान. इन क्षेत्रों में भी भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अब कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगा.  और मजबूत होंगे भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंध


संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध और भी मजबूत होंगे. विकास में ऑस्ट्रेलिया का अपना अहम योगदान है. मोदी ने कहा कि वह इसी साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी करेंगे. वहीं एबोट ने भी भारत के साथ मजबूत संबंधों की बात कही है.इन्फ्रास्ट्रक्चर पीएम के रूप में हो पहचान

सम्मेलन में एबोट ने शाम को मोदी के साथ पहली द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर उत्साह दिखाया. उन्होंने कहा कि मोदी और वह दोनों चाहते हैं कि देश में उनकी पहचान इन्फ्रास्ट्रक्चर पीएम के रूप में हो. उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि उनकी यात्रा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मित्रता को नई ऊर्जा मिलेगी.

Posted By: Ruchi D Sharma