आधिकारिक चीनी मीडिया के मुताबिक दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाएं अपने मुख्यालयों पर एक हॉटलाइन स्थापित करने जा रही हैं। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में बैठक के बाद लिया गया है। बता दें कि पीएम मोदी ने भारत-चीन संबंध को मजबूत करने के लिए पिछले सप्ताह भी दो दिवसीय अभूतपूर्व शिखर वार्ता में शी से मुलाकात की थी।


हॉटलाइन स्थापित करने का फैसला बीजिंग (प्रेट्र)। ग्लोबल टाइम्स डेली ने आज बताया कि दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अपने संबंधित सैन्य मुख्यालयों के बीच एक हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस हॉटलाइन को दोनों सेनाओं के बीच विश्वास पैदा करने और म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे दोनों मुख्यालयों को 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में सीमा गश्ती के बीच तनाव और डोकलाम जैसे स्टैंडऑफ से बचने के लिए संवाद बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक चला तनाव


बता दें कि भारतीय सेना ने पिछले साल विवादित क्षेत्र में चीनी सेना को सड़क निर्माण करने से रोक दिया था, जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच डोकलाम में पिछले साल 16 जून से लगातार 73 दिन तक तनाव था और यह तनाव 28 अगस्त को खत्म हुआ था। कहा जाता है कि भारत में स्थित डोकलाम पर भूटान और चीन अपना दावा पेश करते हैं। लंबे समय से चर्चा में हॉटलाइन

गौरतलब है कि हॉटलाइन लंबे समय से चर्चा में थी, लेकिन मुख्यालय में किस स्तर पर हॉटलाइन को स्थापित किया जाना चाहिए, इस तरह की प्रक्रियाओं के बारे में बात आगे नहीं बढ़ पाती थी। बता दें कि चीनी सैन्य विशेषज्ञों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हॉटलाइन दोनों सेनाओं के बीच विश्वास पैदा करेगी। चीन और भारत के बीच सैन्य विश्वास द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है और इससे भविष्य में कई बड़े बदलाव देखें जा सकते हैं।

Posted By: Mukul Kumar