पाकिस्तानी हैं पठानकोट हमले के र्हैंडलर, फोन नंबर से मिली जानकारी
फोन नंबरों से मिली जानकारी
पठानकोट आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का एक और पुख्ता सबूत मिला है। हमले को अंदाम देने से पहले आतंकी पाकिस्तान में बैठे जिस 'हैंडलर' से बात कर रहे थे, उसका नंबर मिल गया है। जांच एजेंसियों ने 92-3017775253 और +92 300097212 नंबरों की कॉल डिटेल्स हासिल कर ली हैं। ये दोनों पाकिस्तान के फोन नंबर हैं, जिन पर आतंकियों ने कई बार बात की।
पाकिस्तान को सख्ती से फैसला लेने को कहा
इससे पहले सैन्य एयरबेस पर आतंकी हमले को लेकर भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रति और सख्त रुख अख्तियार किया। इसी माह दोनों देशों के विदेश सचिवों की प्रस्तावित वार्ता से पहले भारत ने स्पष्ट किया है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद सीमा पार से आंतकवाद फिर से अहम मुद्दा है। हमले से जुड़े सबूत उपलब्ध कराए गए हैं। उन सबूतों पर पाकिस्तान को 'त्वरित तथा निर्णायक कार्रवाई' करनी ही होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा- 'गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है... और इस वक्त का मुद्दा पाकिस्तान की प्रतिक्रिया है।
भारत नहीं है वार्ता के खिलाफ
भारत के इस रुख से माना जा रहा है कि द्विपक्षीय वार्ता एकबार फिर खटाई में पड़ सकती है। इससे पहले गत वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की वार्ता रद्द की जा चुकी है। पहल पाकिस्तान को करनी है प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के प्रति आश्वस्त किया है और भारत आंतकियों के खिलाफ उसकी कार्रवाई का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा- 'हम पड़ोसी देश से शांति चाहते हैं और इस मसले पर हमारी नीति बिल्कुल साफ है। लेकिन सीमा पार से हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब पहल पाकिस्तान को करनी है। पठानकोट हमले पर भारत की तरफ से पड़ोसी मुल्क को सबूत दिए गए हैं। अब उन सुरागों के आधार पर पाकिस्तान कार्रवाई करे।'
नवाज के सामने रखे सबूत
उधर, पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को विदेश मंत्री सरताज अजीज और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर भारत द्वारा मुहैया करवाए गए सबूतों की समीक्षा की। इन सबूतों में पकड़े गए उन फोन कॉल्स के रिकॉर्ड भी शामिल हैं, जो पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने की थी। एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए सुरागों के आधार पर कार्रवाई तेज करने का फैसला किया गया। अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर उस अधिकारी ने कहा- 'केस बनाने के लिए हम ठोस सूचना चाहते हैं वरना अदालती हस्तक्षेप से संदिग्ध छूट जाते हैं।' उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर बातचीत के दौरान नवाज शरीफ को साफ-साफ बताया था कि भारत उन लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई चाहता है, जिन्होंने इस हमले की साजिश रची और हमला करवाया।