भारत और नेपाल के सीमांकन को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में सर्वे की जिम्मेदारी दोनों देशों की फील्ड सर्वे टीम एफएसटी को सौंप दी गई। पिलर संख्या 700 से सर्वे शुरू होगा। संबंधित जिलों के डीएम या सीडीओ सर्वे टीम की अगुआई करेंगे। इसी साल 26 मई तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जून के दूसरे सप्ताह में फील्ड सर्वे टीम की दूसरी बैठक प्रस्तावित की गई।


देहरादून (ब्यूरो)। भारत और नेपाल सीमा का नए सिरे से सीमांकन न होने के चलते लंबे समय से विवाद की स्थिति बनी हुई है। पूर्व में निर्धारित सीमा पर बने कई पिलर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसे देखते हुए भारत व नेपाल सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सीमांकन करने का फैसला किया है। इसके लिए भारत की सर्वे टीम ने अपना कैंप ऑफिस टनकपुर और नेपाल ने धनगढ़ी में बनाया हुआ है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से उत्तराखंड के चम्पावत के बीच पिलर नंबर 700 से 811 के बीच सर्वे कर पिलरों का निर्माण व मरम्मत किया जाना है।दोनों देशों की सर्वे टीम की बैठक


इस सिलसिले में शुक्रवार को बनबसा में दोनों देशों की सर्वे टीम में शामिल अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें सर्वे ऑफ इंडिया के लीडर वीएचएसएस प्रसाद ने प्रजेंटेशन के सर्वे के प्रारंभिक तथ्यों में बैठक में रखा। कुछ मसलों पर अधिकारियों की राय जुदा रही, इन्हें सरकारी गाइडलाइन के अनुसार हल करने पर सहमति बनी। बैठक के बाद चंपावत के डीएम एसएन पांडे और नेपाल के कंचनपुर जिले के सीडीओ सुशील वैद्य के अनुसार दोनों देशों की टीम पिलर संख्या 700 से सर्वे शुरू करेगी।328 पिलरों का होना है निर्माण

जहां कहीं भी कोई समस्या आएगी, उसका समाधान किया जाएगा। नेपाल के कैलाली जिले के सीडीओ योगराज बोहरा ने बताया कि सर्वे में बॉर्डर नोमेंस लैंड क्षेत्र में अतिक्रमण को भी चिह्नित किया जाएगा। सीमाओं पर 328 पिलरों का निर्माण किया जाना है। इनमें भारत को 61 पिलरों की मरम्मत व 159 का निर्माण करना है। जबकि, नेपाल ने 108 पिलरों का निर्माण करना है।dehradun@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh