दिल्ली तथा पंजाब सहित भारत के कुछ राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है। अधिक बारिश होने की वजह से कोयले का आपूर्ति बाधित हो गई है। यही वजह है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों में उत्पादन अपनी क्षमता से आधे से भी ज्यादा ठप पड़ गया है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। बिजली संयंत्रों में उत्पादन उनकी क्षमता से ज्यादा रिकाॅर्ड स्तर पर कमी आ गई है। एक वर्ष के दौरान देश में रिकाॅर्ड स्तर पर कोयले का उत्पादन हुआ है। बावजूद इसके भारी बारिश के चलते खदानों से बिजली उत्पादन संयंत्रों तक कोयले का आवागमन बाधित हुआ है। कई राज्यों में कोयले की आपूर्ति बाधित होने से बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया है। इन राज्यों में गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली तथा तमिलनाडु शामिल है। अगले दो दिनों में कोले की आपूर्ति न हुई तो बिजली उत्पादक तथा वितरकों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के रेट बढ़ने से भी संकट
बिजली संयंत्रों के पास ज्यादा से ज्यादा दो दिनों तक का ही कोयला स्टाॅक है। कोयला मंत्रालय ने कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है। संयंत्रों में कोयले के स्टाॅक में कमी होने का मतलब यह नहीं कि बिजली उत्पादन ठप पड़ जाएगा। जबकि संयंत्रों तक लगातार कोयले की आपूर्ति जारी है। वर्तमान में बिजली संकट की एक वजह आयातित कोयले से चलने वाले संयंत्रों में या तो उत्पादन में कटौती हुई या ठप हो गया है। इसकी वजह के लिए बताया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के रेट में बढ़ोतरी है तो ऐसे में राज्यों को पुरानी दर पर बिजली आपूर्ति मुश्किल हो गया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh