सयुंक्‍त राष्‍ट्र महासभा में समलैंगिक जोड़ों से जुड़े एक प्रस्‍ताव पर भारत ने रूस का समर्थन किया. इस प्रस्‍ताव के द्वारा यूएन में कार्यरत समलैंगिक जोड़ो को मिलने वाली खास सुविधाओं को रोकने का प्रयास किया जा रहा था.


रूस के सपोर्ट में उतरा भारतयूएन में कार्यरत समलैंगिक जोड़ों को मिलने वाली खास सुविधाओं के विरोध में रूस द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया. इस प्रस्ताव का उद्देश्य समलैंगिक जोड़ों को मिलने वाली सुविधाओं को रोकना था. सयुंक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग प्रक्रिया के दौरान भारत समेत 43 देशों ने रूस का समर्थन किया. इन देशों में चीन,  मिस्र, ईरान, इराक, जॉर्डन, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर और सउदी अरब शामिल हैं. 80 देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग की. वहीं बुधवार को हुए मतदान में 37 देश वोटिंग प्रक्रिया में अनुपस्थित रहे. रशासनिक और बजट संबंधी मुद्दों को देखने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की पांचवीं समिति ने इस रूसी प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया.यूएन महासचिव ना करें फैसला
भारतीय विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने भारत द्वारा रूस के प्रस्ताव का समर्थन करने पर बयान दिया. प्रवक्ता ने कहा, 'भारत नहीं चाहता कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव यूएन में काम कर रहे इसके नागरिकों को मिलने वाले फायदों या सुविधाओं पर फैसला करें.' उन्होंने कहा कि इस योजना पर देशों से परामर्श नहीं लिया गया. फिलहाल यूएन में यह व्यवस्था थी कि समलैंगिक जोड़ों के शादी करने पर यूएन उनके देश के कानून के अनुसार उनको दी जाने वाली सुविधाओं को तय करते थे. ज्ञात हो कि भारत में समलैंगिक रिश्ते गैरकानूनी हैं.

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Posted By: Prabha Punj Mishra