साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज का सपना फिर अधूरा रह गया। भारतीय टीम पिछले 25 सालों में करीब सात बाद अफ्रीकी दौरे पर गई लेकिन कभी टेस्‍ट सीरीज में जीत नहीं मिल पाई। तीन मैचों की मौजूदा सीरीज में भारत 0-2 से पिछड़ चुका है। खैर सीरीज तो हाथ से गई लेकिन एक बात भारतीय टीम के पक्ष में रही। आइए जानें....


कमजोरी बनी ताकतभारतीय क्रिकेट टीम की ताकत उनकी बल्लेबाजी रही है। सुनील गावस्कर से लेकर सचिन और फिर विराट कोहली, दशक बदलते गए लेकिन टीम इंडिया में बल्लेबाजों का हुनर कम नहीं हुआ। यही वजह है कि विरोधी टीम भारत के खिलाफ मैच जीतती है तो उन्हें पूरी भारतीय टीम को ऑलआउट करना पड़ता है। भारत और साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज के दौरान ऐसा ही कुछ देखने को मिला। बल्लेबाज फ्लॉप क्या हुए हम दोनों मैच हार गए। इस दौरान एक बात अच्छी रही जोकि भारतीय टीम के हित में है वो है गेंदबाजी।सात साल पहले किया था अफ्रीका को ऑलआउट


साउथ अफ्रीका को उन्हीं के घर पर ऑलआउट करे लंबा वक्त हो गया है। मौजूदा फ्रीडम ट्रॉफी को छोड़ दिया जाए तो पिछली बार भारतीय गेंदबाजों ने जनवरी 2011 में प्रोटीज को दोनों पारियों में ऑलआउट किया था। मेजबान साउथ अफ्रीका पहली पारी में 362 और दूसरी में 341 रन ही बना सकी थी। उस वक्त तेज गेंदबाज एस श्रीसंत और टर्बनेटर हरभजन सिंह ने अफ्रीकी बल्लेबाजों को खूब छकाया था। इधर कोहली की कप्तानी में सीनियर टीम हार रही, उधर जूनियर टीम जीत के झंडे गाड़ रही

हर तरफ हो रही प्रशंसा

इस मैच को करीब 7 साल हो गए। अब श्रीसंत और हरभजन तो नहीं लेकिन भारतीय टीम में बुमराह और भुवनेश्वर कुमार हैं जिनकी गेंदों के आगे प्रोटीज बल्लेबाज बेबस नजर आ रहे हैं। हाशिम अमला से लेकर एबी डविलियर्स तक कोई भी अफ्रीकी बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल सका। बस यही वो बात है जिसे देख कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री खुश हैं। भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच एरिक सिमंस ने भी गेंदबाजों के इस प्रदर्शन को सराहा है। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की तुलना दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों से की है। सिमंस ने कहा कि भारतीय गेंदबाज अब विदेशों में पहले से काफी अधिक विकेट ले रहे हैं।Ind vs SA : क्लीनस्वीप से बचना चाहता है भारत, तो करने होंगे ये 5 काम

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari