साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज भारत के हाथों से पहले ही फिसल गई। तीन मैचों की इस सीरीज में भारत 0-2 से पिछड़ गया है। अब आखिरी मैच भारत अपनी इज्‍जत बचाने के इरादे से खेलेगा। भारत को क्‍लीनस्‍वीप से बचना है तो ये 5 काम जरूर करने होंगे।


साउथ अफ्रीका में टेस्ट में कभी नहीं हुआ क्लीनस्वीपसाउथ अफ्रीका में भारत का यह सातवां टूर है। 1992 में मो. अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत पहली बार अफ्रीका खेलने गया था। तब से लेकर अब तक भारत छह टूर कर चुका लेकिन कभी भी टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का दाग नहीं लगा। फिलहाल कप्तान विराट कोहली भी चाहेंगे, वह कोई अनचाहा रिकॉर्ड न बना दें। पहले केपटाउन और फिर सेंचुरियन टेस्ट हारने के बाद भारत का तीसरा और आखिरी मुकाबला जोहिंसबर्ग में होगा। भारत को यहां क्लीनस्वीप से बचना है तो कुछ अहम फैसले लेने होंगे। आइए जानें क्या हैं वो...रोहित शर्मा बन रहे बोझ


सीमित ओवरों के सुपरहिट बल्लेबाज रोहित शर्मा टेस्ट मैच में उतने खतरनाक साबित नहीं हो पा रहे। विराट ने उनको दो टेस्ट में मौका दिया लेकिन रोहित की परफॉर्मेंस जस की तस रही। हालांकि इस पर काफी बहस भी हुई मगर विराट का कहना था कि उन्होंने रोहित की मौजूदा फॉर्म को देखकर प्लेइंग इलेवन में जगह दी है। अब यहां कप्तान को समझना होगा कि रोहित वनडे और टी-20 के स्पेशलिस्ट है ऐसे में टेस्ट टीम में उनकी जगह नहीं बनती। भारत को आखिरी मैच जीतना है तो रोहित की जगह किसी दूसरे बल्लेबाज को मौका देना होगा।Ind vs SA : जो काम भारत के ये 5 कप्तान नहीं कर पाए, कोहली भी उसमें फेल हो गएपांड्या को चाहिए कोई समझाने वालाभारत के महान खिलाड़ी कपिल देव के बाद भारतीय टीम में उनके जैसा कोई आलराउंडर खिलाड़ी नहीं आया। पिछले एक-दो सालों में हार्दिक पांड्या ने उस कमी को पूरा करने की कोशिश तो की लेकिन वह ओवरकांफिडेंस में आकर कई गलती कर बैठे। सेंचुरियन टेस्ट में उनकी कुछ बचकानी गलतियों ने टीम को हार के मुहाने खड़ा कर दिया था। कपिल देव तो इतना नाराज हो गए, कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि पांड्या भविष्य में ऐसी गलती करना जारी रखता है तो मेरी उससे तुलना मत करना। कपिल का इशारा साफ था कि, पांड्या अभी युवा हैं उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराने वाला कोई चाहिए। अब यह काम चाहें कोच करें या कप्तान।बनानी होगी पार्टनरशिप

एक अच्छे स्कोर तक पहुंचने के लिए सबसे जरूरी होता है साझेदारी। भारतीय टीम की बल्लेबाजी के दौरान इसी चीज की कमी देखी गई। बल्लेबाजों को थोड़ी बहुत अच्छी शुरुआत तो मिली लेकिन वह उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। रही कही कसर पुजारा और पांड्या ने पूरी कर दी, जो बेमतलब रन आउट होकर पवेलियन लौटे। भारतीय बल्लेबाजों ने अफ्रीकी गेंदबाजों को तोहफे में विकेट दे दिया। छोटे-छोटे अंतराल में विकेट गिरते गए। अगर एक भी अच्छी साझेदारी हो जाती तो भारत यह मैच जीत सकता था।2018 में फेल विराट 2017 में रहे थे पास, इसीलिए ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड आया उनके पास

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari