रूस- यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्ध संकट को देखते हुए भारत सरकार ने यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को भारत लाना शुुरु कर दिया है। मंगलवार रात को करीब 200 से ज्यादा छात्र भारत लौटे। मीडिया से बात करते हुए मेडिकल के छात्रों ने कहा की वे भारत आकर बहुत खुश है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। रूस-यूक्रेन में बढ़े विवाद के बीच यूक्रेन में रह रहे काफी संख्या में भारतीय फंस गए थे, जिन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित वापस लाया गया है। यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने मंगलवार रात यहां पहुंचने के बाद कहा कि वे रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ रहे तनाव के चलते अपने देश लौटकर खुश हैं। इनमें से अधिकतर छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।

भारतीय दूतावास के निर्देशों का किया पालन, बताई स्थिति
मीडिया से बात करते हुए छात्रों ने कहा कि उन्होंने कीव में भारतीय दूतावास द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन किया। 22 वर्षीय अनिल राप्रिया, खार्किव शहर के खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (केएनएमयू) में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र हैं। अनिल ने दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कहा, "मैं अपने देश में वापस आकर खुश महसूस कर रहा हूं"। अनिल ने फोन पर मीडिया से कहा, "वहां घबराने की कोई बात नहीं है। मैं अभी भारत आया हूं क्योंकि भारतीय दूतावास ने हमें यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए कहा है। अनिल का परिवार दिल्ली के नांगलोई में रहता है। अनिल का भाई मनीष राप्रिया टी3 टर्मिनल के आने का लाउंज में बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

व्हाट्सएप पर मिली थी एडवाइजरी
रात 11.40 पर एयर इंडिया की फ्लाइट AI 1946 के माध्यम से दिल्ली मेडिकल छात्रों का एक समूह दिल्ली पहुँचा। एयर इंडिया का जहाज तुर्की एयरलाइंस को कीव से इस्तांबुल और फिर कतर और फिर वहां से कतर एयरवेज के रास्ते दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। इस फ्लाइट में कीर्तन कलाठिया, नीरव पटेल, भावनगर के विनीत पटेल और गुजरात के सुरेंद्र नगर के कृष राज उन छात्रों में शामिल थे जो यूक्रेन से दिल्ली लौटे थे। छात्रों ने बताया कि "हम सभी चेर्नित्सि में बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमयू) में पढ़ते हैं। हमने अपने कॉलेज के अधिकारियों को सूचित किया है कि हम जा रहे हैं और कक्षाएं अब ऑनलाइन होंगी। चेर्नित्सि में चीजें ठीक हैं, क्योंकि यह सीमा क्षेत्र से काफी दूर है,"। रांची के अपूर्व भूषण और राजकोट के हार्दिक डोगरा कीव में बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। भूषण ने मीडिया को बताया, "हमें अपने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप पर भारतीय दूतावास की एडवाइजरी मिली थी। इसमें कहा गया है कि छात्रों को यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से देश छोड़ देना चाहिए। इसलिए, हमने एडवाइजरी का पालन किया और चले आए।"

दोनों देशों के बीच बढ़ रहा है तनाव
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के क्षेत्रों को "स्वतंत्र" के रूप में मान्यता देने के लिए डिक्री पर हस्ताक्षर किये थे।जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की आशंका बढ़ गई।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari