भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ऑग्रेनाइजेशन इसरो के अनुसार चंद्रयान 2 सफलतापूर्वक चोच्रमा की मुख्य कक्ष में स्थापित हो गया है।

चेन्नई, (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार को सफलतापूर्वक एक मुश्किल ऑरबिट सफर को पूरा करने के बाद चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के ऑरबिट में स्थापित कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ऑग्रेनाइजेशन (इसरो) के अनुसार, चंद्रयान -2 के ऑन बोर्ड प्रॉप्यूशन सिस्टम की मदद से लूनर ऑर्बिट इंसर्शन को सुबह 9.02 बजे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। चंद्रयान -2 की सभी प्रणालियां एकदम सही तरीके से काम कर रही हैं। चंद्रयान -2 की कक्षा में प्रवेश की अवधि 1,738 सेकंड रही, जिसके बाद चंद्रयान -2 को सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में स्थापित कर दिया गया।

#ISRO
Lunar Orbit Insertion (LOI) of #Chandrayaan2 maneuver was completed successfully today (August 20, 2019). The duration of maneuver was 1738 seconds beginning from 0902 hrs IST
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— ISRO (@isro) August 20, 2019 

तैयार है चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए
इसरो ने बताया कि ऑरबिट में प्रवेश करने के लिए यान ने 114 किमी X 18,072 किमी की दूरी तय की थी। अब चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को ऑरबिट चेंज की एक सीरीज को पूरा करते हुए लगभग 100 किमी की दूरी पर चंद्रमा की सतह की अपनी अंतिम कक्षा में प्रवेश कर सकेगा।इसके बाद, लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर 100 किमी X 30 किमी मून ऑरबिट में प्रविष्ठ हो जायेगा।इसरो ने कहा, "फिर, तमाम बाधाओं को पार करते हुए यह सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा जिस हिस्से में अभी तक मानव निर्मित कोई यान नहीं उतरा है।" इसरो टेलीमेट्री में मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स और कर्नाटक की राजधानी के पास बायलू में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क एंटेना के सर्पोट से बेंगलुरु में ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क के जरिए अंतरिक्ष यान की लगातार निगरानी की जा रही है।
क्रमवार चलेंगी आगे की गतिविधियां
अगली लूनर बाउंड ऑर्बिट प्रक्रिया बुधवार को 12.30-1.30 बजे के बीच होनी है। चंद्रयान -2 को टैक्स्ट बुक स्टाइल में अण्डाकार कक्षा में भारत के हैवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क III की मदद से 170X45,475 किमी की अण्डाकार कक्षा में इंजेक्ट किया गया था। अंतरिक्ष यान में तीन खंड शामिल हैं - ऑर्बिटर जिसका वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड है, लैंडर 'विक्रम'  जिसका वजन 1,471 किलोग्राम, चार पेलोड है और रोवर 'प्रज्ञान'  जो 27 किलोग्राम, दो पेलोड भार का है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अर्थ बाउंड मैनोवर सहित इसकी प्रमुख गतिविधियों में, ट्रांस-मून इंसर्शन, लूनर बाउंड मैनोवर, चंद्रयान -2 से विक्रम का अलग होना और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरना शामिल हैं।

Posted By: Molly Seth