भारत जैसे देश में हर चीज को धर्म और समाज से जोड़ दिया गया है। बड़ी बात ये है कि इन सभी चीजों का मानसिक शारीरिक और आध्‍यात्‍मिक रूप से काफी प्रभाव जान पड़ता है। शायद यही कारण है कि हमारे बड़ों ने ऐसे कुछ धार्मिक नियम बना दिए जिनका सामाजिक रूप से समाज में तो महत्‍व है ही हमारे शरीर पर भी उनका अच्‍छा असर पड़ता है। आइए जानते हैं ऐसी 10 अनूठी धार्मिक परंपराओं के बारे में जो हमारे रीति के साथ-साथ हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी काफी लाभकारी हैं।


1 . पुरुषों का सिर पर चोटी रखना वैसे हममें से बड़ी संख्या में लोग यही मानते होंगे कि सिर्फ भारत जैसे पारंपरिक देश में ही पुरुषों के सिर पर चोटी रखने का चलन है। यहां आपको ये जानकर शायद थोड़ा आश्चर्य होगा कि अन्य कई एशियाई देशों, चीन, कोरिया और जापान में भी पुरुषों के सिर पर चोटी रखने की परंपरा है। दरअसल इसके पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है। सुश्रुत ऋषि के अनुसार सिर हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है। सहस्त्रार चक्र में शरीर की सभी नसें आकर मिलती हैं। इसे ब्रह्मारंध्र भी माना गया है। कहते हैं कि इसी ब्रह्मारंध्र को जाग्रत करने के लिए पुरुषों में चोटी बंधने या रखने की परंपरा शुरू हुई। ऐसा कहते हैं कि चोटी रखने से मस्तिष्क का यह हिस्सा सक्रीय हो जाता है और साथ ही हमारी शक्ितयों को भी बढ़ा देता है।
5 . इसलिए छूते हैं पैर


भारतीय परंपरा के अनुसार अपने से बड़ों के पैर छूना काफी संस्कारी माना जाता है। इसके प्रत्युत्तर में बड़े भी हमारे सिर पर अपना हाथ रखकर हमें आशीर्वाद देते हैं। इसके कारणों की बात करें तो सबसे पहले तो ऐसे पैर छूने से हम अपने बड़ों के प्रति अपनी भावनाएं व आदर दिखाते हैं। इसके साथ ही जब लोग अपने हाथों से बड़ों के पैरों को छूते हैं और वो अपना हाथ सिर पर रखकर आशीर्वाद देते हैं तो यह तरह का प्राकृतिक सर्किट बन जाता है। इससे उनकी ऊर्जा का प्रवाह हमारे अंदर प्रवेश करने लगता है। कहते हैं कि उस समय हमारे हाथ की ऊंगलियां और सिर रिसेप्टर का काम करने लगती हैं और हम उनमें मौजूद जैविक ऊर्जा को ग्रहण करने लगते हैं। 6 . तुलसी की करते हैं पूजा

तुलसी के पौधे का आयुर्वेद में बेहद खास महत्व बताया गया है। आपको शायद विश्वास न हो, लेकिन कहते हैं इसकी पत्तियों में पारा होता है। इसके कारण इसमें बैक्टीरिया को मारने की भरपूर क्षमता होती है। ये भी कहते हैं कि हर रोज एक तुलसी का पत्ता खाने से शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रहता है और छोटी-मोटी बीमारियों का शरीर पर कोई असर नहीं होता। सिर्फ यही नहीं, यह भी माना जाता है कि तुलसी के पास सांप, मच्छर और मक्खियां सरीखे हानिकारक जीव नहीं आते। इस तरह से इसे घर में रखने पर जहां इन जीवों से बचाव होता है, वहीं जरूरत पडऩे पर तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल भी कई कार्यों में किया जा सकता है। यहां तुलसी के पौधे को लेकर एक बेहद जरूरी बात है बताने को, वह ये कि तुलसी की पत्तियों को कभी भी दांतों से नहीं चबाना चाहिए। चाहें तो इसको पानी से निगल लें। ऐसा न करने पर दांतों के खराब होने का खतरा रहता है।10 . इसलिए छिदवाते हैं नाक और कानभारतीय परंपरा के अनुसार महिलाओं में प्रचलित इस परंपरा का पूरी तरह से लेना-देना शारीरिक स्वास्थ्य से ही है। भारतीय चिकित्साशास्त्रियों से मिली जानकारी पर गौर करें तो कान और नाक की कुछ नसों का सीधे दिमाग के सोचने वाले प्रतिक्रिया करने वाले भाग से संबंध होता है। कहते हैं कि नाक और कान को छिदवाने से दिमाग की इन नसों पर दबाव पड़ता है। इससे मस्तिष्क की अतिसक्रियता खत्म होकर नियंत्रण में आ जाती है।inextlive Desk from Spark-Bites

Posted By: Ruchi D Sharma