आईपीएल एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है जहां हर साल नए-नए चेहरे देखने को मिलते हैं। ये खिलाड़ी कहां से आते हैं और किस परिस्‍थिति में अपने क्रिकेट को आगे लाते हैं इनकी कहानियां दूसरों को इंस्‍पायर्ड करती हैं। आईपीएल के मौजूदा सीजन में भी ऐसा ही एक खिलाड़ी है जो कभी था वेटर मगर आज है क्रिकेटर...पढ़ें यह रोचक कहानी..


कोहली की कप्तानी में की गेंदबाजी


आईपीएल 2018 को शुरु हुए अभी एक हफ्ता हुआ है और इन सात दिनों में कुल सात मैच हो चुके हैं। किसी टीम को जीत मिली तो किसी को हार। कोई बल्लेबाजी में कमाल दिखा रहा, किसी का गेंदबाजी में जलवा कायम है। ऐसा ही एक तेज गेंदबाज है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का, नाम है कुलवंत खेजरोलिया। इन्हें न तो आप जानते हैं और न ही आरसीबी के खिलाड़ी। इसकी वजह है कुलवंत का पहली बार आईपीएल खेलना। 26 साल के युवा गेंदबाज कुलवंत आरसीबी और केकेआर के बीच खेले गए मैच का हिस्सा थे। यह उनके करियर का पहला आईपीएल मैच था, वह दबाव में भी दिखे। मगर कप्तान विराट कोहली ने उनसे पूरे ओवर करवाए ताकि कुलवंत का कांफिडेंस बढ़ सके। इसका फायदा उन्हें पंजाब के खिलाफ खेले गए दूसरे मैच में मिला, जब कुलवंत ने 4 ओवर में दो विकेट चटकाए।

गोवा में करते थे वेटर की नौकरी

घर की आर्थिक स्िथति खराब होने के चलते कई बार बच्चों के सपने पूरे नहीं हो पाते। ऐसा ही कुछ कुलवंत के साथ भी होने वाला था। कुछ साल पहले परिवार को सपोर्ट देने के लिए कुलवंत गोवा के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी किया करते थे। कई महीनों तक वेटर की नौकरी करने के बाद कुलवंत को लगा कि, यह वो काम नहीं है जिसे वह करना चाहते थे। वह नौकरी छोड़कर घर चले आए। परिवारवालों को लगा कि अब घरखर्च कैसे चलेगा, कुलवंत पर भी इसका दबाव पड़ रहा था। मगर राजस्थान का यह छोरा क्रिकेटर बनने के सपने देख चुका था। एक मैच खेलने के मिलते थे 500 रुपयेकुलवंत ने घर में झूठ बोला कि उनकी अहमदाबाद में रोडवेज डिपार्टमेंट में नौकरी लग गई है। वह घर से निकले और सीधे दिल्ली पहुंच गए। वहां उन्होंने एक रूम लिया जिसमें 6 लोग रहते थे। ऐसे में किराया भी कम देना पड़ता था। एक दिन उनके रूममेट ने कुलवंत को बताया कि रोहिणी इलाके के जापानी पार्क में रोजाना क्रिकेट खेला जाता है। कुलवंत वहां पहुंच गए और लोकल टीम का हिस्सा बन गए। तब कुलवंत को एक मैच खेलने के 500 रुपये मिला करते थे। शनिवार और रविवार को वह अंपायर बनकर अतिरिक्त कमाई करते थे। कुलवंत इस तरह कमरे का किराया और खाने-पीने का खर्च निकालते थे।फिर ऐसे बदली किस्मत
एक दिन जापानी पार्क में मैच खेलने के दौरान कुलवंत की मुलाकात संजय भारद्वाज से हो गई। दिल्ली का कोई भी खिलाड़ी हो संजय के नाम से अच्छी तरह वाकिफ होगा। गंभीर से लेकर उन्मुक्त चंद तक संजय कई फेमस क्रिकेटरों के मेंटर रहे हैं। संजय ने आर्थिक रूप से कमजोर कई युवा क्रिकेटरों की मदद की है। ऐसे में कुलवंत के मन में भी एक आस जग चुकी थी। मगर संजय यह देखना चाहते थे कि कुलवंत के अंदर वो काबिलियत है कि नहीं। इसके बाद कुलवंत रोज नेट्स पर खूब पसीना बहाते थे, आखिरकार दिल्ली की रणजी टीम में उनका सेलेक्शन हो गया। जनवरी 2018 में दिल्ली ने सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी जीती है जिसमें कुलवंत का अहम रोल रहा। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने 10 मैचों में 14 विकेट चटकाए। आज जब कुलवंत रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा हैं तो उन्हें अभी भी अपने पुराने दिन याद आते हैं। सोर्स - क्रिकइन्फो

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari