Chandrayaan 2 : लैंडर विक्रम की बदली चाल, चांद के करीब लाने वाली पहली प्रकिया सफल
नई दिल्ली (एएनआई)। चंद्रयान -2 के आर्बिटर से अलग होने के कुछ घंटे बाद ही लैंडर विक्रम ने मंगलवार एक अहम पड़ाव पार कर लिया है। इसरो द्वारा लैंडर की कक्षीय दूरी को घटाने यानी डी-ऑर्बिटिंग का टेस्ट किया गया। इसमें भी उसे सफलता हासिल होती दिख रही है।ऑर्बिटर और विक्रम लैंडर दोनों ही स्वस्थ हैं।
#ISROThe first de-orbit maneuver for #VikramLander of #Chandrayaan2 spacecraft was performed successfully today (September 03, 2019) at 0850 hrs IST.
For details please visit https://t.co/K5dS113UJL
Here's view of Control Centre at ISTRAC, Bengaluru pic.twitter.com/Ddeo2URPg5— ISRO (@isro)
इस टेस्ट में करीब चार सेकंड का समय लगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक विक्रम लैंडर ने आज सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक उल्टी दिशा में चलना शुरू कर दिया है। इस टेस्ट में चार सेकंड का समय लगा। इसके अलावा इस टेस्ट में ऑनबोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम का प्रयोग हुआ है। इसरो ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है।
अगला डी-ऑर्बिटिंग टेस्ट 4 सितंबर को होगा
इसरो का कहना है कि विक्रम लैंडर की ऑर्बिट 104 किमी x 128 किमी है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में लगातार ऑर्बिट कर रहा है। वहीं अब अगला डी-ऑर्बिटिंग टेस्ट 4 सितंबर को तड़के 3:30 से 04:30 बजे के बीच किया जाएगा। बता दें कि कल सोमवार को लैंडर विक्रम आर्बिटर से अलग हुआ था।
Chandrayaan 2 : लैंडर विक्रम आर्बिटर से सफलतापूर्वक हुआ अलग, चांद से बस एक कदम दूर भारत
चंद्रमा पर लैंडिंग कराने वाला भारत चौथा देश
चांद की सतह पर लैंडिंग करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर लैंडिंग कराने वाला भारत चौथा देश हाेगा। बता दें कि 22 जुलाई को भारत का मून मिशन चंद्रयान -2 आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के श्रीहरिकोटा स्थित सतीस धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ था।