भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को कहा है कि वह दो इतालवी नौसैनिकों पर समुद्री डकैती विरोधी कानून लागू करने के मामले में उठे सभी विवादों को एक हफ़्ते के अंदर हल करे.


इन दो इतालवी नौसैनिकों पर साल 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है.समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को आदेश दिया कि कानून, गृह और विदेश मंत्रालयों की भागीदारी वाले इस मामले की अड़चनें दूर कर 10 फ़रवरी तक अपना पक्ष साफ़ करे.इस मामले की सुनवाई को 10 फ़रवरी तक टालते हुए पीठ ने कहा, "क्या आप अगले सोमवार तक इस मसले की अड़चनें दूर कर पाएंगे? अगली सुनवाई पर हमसे स्थगन की उम्मीद मत करना."अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने पीठ को बताया कि केंद्र ने इस मामले को "तकरीबन" सुलझा लिया है और अगली सुनवाई में वह इस पर अपना पक्ष रखेंगे.'घर जाने दिया जाए'


इतालवी सरकार और नौसैनिकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के रोज़ सुनवाई करने के आदेश के बाद से 13 महीने बीत चुके हैं और केंद्र सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.उन्होंने कहा कि नौसैनिकों को अपने देश वापस जाने की इजाज़त दी जानी चाहिए.

याचिका में कहा गया है, "याचिकाकर्ताओं पर आपराधिक मामला शुरू न होने के बावजूद वह भारत में दो साल से हिरासत में हैं और करीब एक साल पहले उच्चतम न्यायालय के इस मामले को तेज़ी से निपटाने की कोशिशों के बावजूद केंद्र इस मामले में अब तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सका है."पिछले साल 18 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को इतालवी नौसैनिकों के मामले की जांच का आदेश दिया था और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामले की रोज़ सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन करे.दोनों नौसैनिकों पर फरवरी, 2012 में केरल तट के पास दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है.एक इतालवी तेल टैंकर की सुरक्षा में तैनात इन नौसैनिकों का कहना है कि उन्होंने मछुआरों को ग़लती से समुद्री डाकू समझ लिया था.

Posted By: Subhesh Sharma