- अवैध पार्किंग और बसों के खड़े होने से लगता ट्रैफिक जाम

- गलत तरीके से कट बंद करने से भी हो जाती है ट्रैफिक जाम की स्थिति

- दिन भर आम जनता रहती है ट्रैफिक जाम से परेशान

Meerut : सिटी के चौराहों पर ट्रैफिक जाम की बात कोई नई नहीं है, लेकिन चौराहों पर ट्रैफिक जाम क्यों होता है इस बात के पीछे कोई नहीं जाता है। आखिर हैवी ट्रैफिक के अलावा चौराहों की स्थिति क्यों खराब है? ट्रैफिक पुलिस कर्मी होने के बाद भी आखिर चौराहों को क्यों क्लीयर नहीं कर पा रहे हैं? जब आई नेक्स्ट ने इस बात की पड़ताल की तो कई कारण पता चले। आइए सबसे पहले सिटी के एचआरएस चौराहे की बात करते हैं

टैंपों और ग्रामीण सेवा का कब्जा

इस चौराहे पर तीनों ओर से आने वाले टैंपों और ग्रामीण सेवा का कब्जा है। बागपत रोड की ओर जाने वाले टैंपों और ग्रामीण सेवा की गाडि़यां सड़कों पर ऐसे खड़ी होती हैं, जैसे उन्होंने उस सड़क को सरकार से खरीद लिया हो। ताज्जुब की बात तो ये है कि आधा दर्जन से अधिक ट्रैफिक पुलिस और होम गार्ड होने के बाद भी सड़क खाली करने को तैयार नहीं है। ऐसा ही कुछ हाल दिल्ली रोड जाने वाले रास्ते और बेगमपुल जाने वाले रास्ते का है। जहां टैंपों खड़े होने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई रहती है।

बस स्टैंड न होना

ये चौराहा ऐसा है, जो दिल्ली, बागपत और मुजफ्फरनगर को कनेक्ट करता है। इस चौराहे से लोकल बसों के अलावा इंटर स्टेट के अलावा इंटर डिस्ट्रिक्ट बसों की भी आवाजाही ख्ब् घंटे रहती है। ऐसे में इस चौराहे के चारों ओर एक-एक बस स्टैंड होना बेहद जरूरी है। दुर्भाग्यवश ऐसा है नहीं। बस कहीं भी खड़ी हो जाती है। भले ही सवारियों को कोई दिक्कत न हो, लेकिन बाकी लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना जरूर करना पड़ता है।

अपोजिट डायरेक्शन में गाड़ी चलाना

चौराहे पर ट्रैफिक जाम का एक और कारण टू व्हीलर्स और रिक्शा चालकों का अपोजिट डायरेक्शन में आना है। बेगमपुल से आ रहे टू व्हीलर चालक और रिक्शा चालक बागपत रोड की ओर पहले कट से ही गाड़ी को मोड़ देते हैं। ऐसे में बागपत रोड और दिल्ली रोड से आने वाले व्हीकल जो यू-टर्न लेना चाहते हैं उन्हें या तो अपनी गाड़ी को स्लो करना पड़ता है। या फिर रोकनी पड़ती है।

गलत तरीके से कट को बंद करना

इस चौराहे के पास जो कट बंद किए गए हैं, उनका तरीका काफी गलत है। गोलचक्कर के एक ओर के कट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर के कट को पूरी तरह से खोल रखा है। बागपत रोड की ओर जाने वाली गाडि़यों को लंबा सफर तय कर यू-टर्न लेना पड़ता है। ऐसे में कुछ लोग पहले कट से जाने का प्रयास करते हैं। ऐसे ट्रैफिक व्यवस्था का चरमराना स्वाभाविक है। चारों ओर से गाडि़यों के आने से ट्रैफिक जाम स्थिति पैदा हो जाती है।

प्राइवेट व्हीकल की पार्किंग

इस चौराहे के आसपास मार्केट हैं। मेन रोड होने के बावजूद लोग दुकान के बाहर गाड़ी पार्क करते हैं। प्राइवेट व्हीकल की पार्किंग के कारण सड़कों की चौड़ाई काफी कम हो गई है। ऐसे में सड़क पर ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ती हुई दिखाई देती हैं।

आखिर क्या हो सकते हैं उपाय

- टैंपो स्टैंड बनाएं जाएं ताकि बेवजह टैंपो और ग्रामीण सेवा न खड़ी हों।

- सवारियां उठाने वाली बसों का चालान काटा जाए।

- गोलचक्कर के दोनों को कटों को इतना खोला जाए, जिससे टू व्हीलर और रिक्शा आसानी से निकल सकें। बाकी व्हीलर्स के लिए आगे के कट से यू-टर्न की व्यवस्था की जाए।

- चौराहे से दूर लोकल बसों से बस स्टैंड होना काफी जरूरी है।

Posted By: Inextlive