फीफा अंडर-17 वर्ल्‍डकप में भारत अभी तक एक भी मैच नहीं जीत पाया है। इसके बावजूद भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। सोमवार को कोलंबिया के खिलाफ हुए मैच में भारतीय खिलाड़ी जैक्‍सन सिंह ने पहला गोल किया और फीफा के किसी टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ी द्वारा किया गया यह पहला गोल है। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये जैक्‍सन सिंह....

17 साल का लड़का बना गया स्टार
सोमवार को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया मैच भारत के लिए यादगार बन गया। भारत और कोलंबिया के बीच हुए इस मुकाबले में भारतीय टीम को 1-2 से करारी हार झेलनी पड़ी लेकिन उन्हें भविष्य का एक सितारा मिल गया। हार के बावजूद हर भारतीय प्रशंसक के चेहरे पर खुशी थी। हो भी क्यों न, आखिर 17 साल के एक भारतीय खिलाड़ी ने मैच के दौरान इतिहास जो बना दिया। जी हां 17 साल के जैक्सन सिंह ने मैच के 82वें मिनट में गोल दागकर रिकॉर्ड बना दिया। जैक्सन किसी भी फीफा वर्ल्डकप टूर्नामेंट में गोल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए।

पिता से सीखी फुटबॉल की बारीकियां
जैक्सन को फुटबॉल के गुर उनके पिता से ही मिले। देबेन सिंह ने जैक्सन और भारतीय अंडर-17 टीम के कप्तान अमरजीत सिंह को शुरुआती ट्रेनिंग दी थी। बाद में जैक्सन चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी चले गए, यहां उन्होंने फुटबॉल में महारथ हासिल की। जैक्सन ने कुछ समय के लिए चंडीगढ़ एकेडमी के लिए भी खेला और फिर यहां से मिनर्वा एफसी में शामिल हो गए।

मां के संघर्ष से जीता जग
जैक्सन की जिंदगी में मुश्किल घड़ी तब आई जब उनके पिता देबेन सिंह को 2015 में लकवा मार गया और उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। घर खर्च चलाने की जिम्मेदारी मां पर आ गई। जैक्सन की मां रोज 25 किमी दूर इंफाल के ख्वैरामबंद बाजार में जाकर सब्जी बेचा करती थीं। इतनी परेशानी के बावजूद उन्होंने जैक्सन को फुटबॉल से दूर होने नहीं दिया। जैक्सन का भारत की अंडर-17 टीम में सेलेक्शन आसान नहीं था। उन्हें पूर्व कोच निकोलाई एडम से कई बार रिजेक्शन मिला फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। आखिर में टीम में चयन होने के बाद ही सांस ली।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari