जमशेदपुर से हुई थी अरविन्द केजरीवाल के करियर की शुरुआत
टाटा स्टील से की थी अपने कॅरियर की शुरुआत
अरविंद केजरीवाल, ये नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी-बड़ी पार्टियों को धूल चटा कर केजरीवाल ने एक नया इतिहास रचा। पर क्या आपको पता है की आज देश-दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे अरविंद केजरीवाल ने अपने कॅरियर की शुरुआत जमशेदपुर से की थी.
केजरीवाल ने 1989 में टाटा स्टील में ग्र्रेजुएट ट्रेनी के रूप में ज्वाइन किया था, करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने तत्कालीन सीई एंड डीडी डिपार्टमेंट में जॉब किया। अरविंद केजरीवाल के कई बैचमेट्स आज भी टाटा स्टील के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में कार्यरत हैं। भ्रष्टाचार मिटाने और देश में बदलाव लाने के दावे करने वाले केजरीवाल के बैचमेट्स ने उनके कई राज खोले।
1 जुलाई 1989 को किया था join
पर्सनल नंबर 119958, टिकट नंबर 265178, ब्रांच मैकेनिकल, डिपार्टमेंट सीई एंड डीडी, पॉलिटिक्स के बड़े-बड़े धुरंधरों को मात देने वाले अरविंद केजरीवाल ने आज से करीब 24 साल पहले इसी पहचान के साथ अपने जमशेदपुर से अपने कॉरियर की शुरुआत की थी। आईआईटी खडग़पुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद 2400 रुपए के बेसिक पे पर एक जुलाई 1989 को अरविंद केजरीवाल ने जमशेदपुर में टाटा स्टील में ग्र्रेजुएट ट्रेनी (वर्तमान मैनेजमेंट ट्रेनी) के तौर पर ज्वाइन किया था।
जुलाई 1989 से लेकर 31 दिसंबर 1990 तक उन्होंने कदमा स्थित जीटी हॉस्टल वन में रहकर अपनी डेढ़ साल की ट्रेनिंग कंप्लीट की। आज जीटी हॉस्टल के सी लॉक में मौजूद रूम नंबर 125 वो कमरा है, जिसमें केजरीवाल ने अपने ट्रेनिंग के डेढ़ साल बिताए। 1992 तक टाटा स्टील में जॉब करने के बाद केजरीवाल ने नौकरी छोड़ दी और इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन किया।
सारे दोस्त जब वीकेंड में घूमने निकलते थे, उस वक्त केजरीवाल हॉस्टल के आस-पास बस्तियों में रहने वाले गरीब बच्चों को पढ़ा रहे होते थे। उनके लिए ये ही छुïट्टी मनाने का सबसे बेहतर तरीका था, यह कहना है अरविंद केजरीवाल के बैचमेट रह चुके अमित खन्ना का। केजरीवाल के साथ जीटी हॉस्टल वन में रहकर ट्रेनिंग करने वाले अमित खन्ना ने बताया कि सालों बीत जाने के बाद भी उनकी ये खासियत आज भी याद आती है। टाटा स्टील पावर हाउसेज के हेड अमित खन्ना ने कहा की सोशल सर्विस करना उन्हे हमेशा से पसंद था, उनकी जो सोच आज दिखाई देती है वही सोच आज से 24 साल पहले भी थी।
सबकी मदद को रहते थे आगे
केजरीवाल के अन्य बैचमेट सीटी गुप्ता ने बताया की ट्रेनिंग के दिनों में भी वो हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहते थे। एक वाक्या याद करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार हॉस्टल के पीछे रहने वाले एक गरीब परिवार में किसी तरह की प्रॉलम आ गई थी, केजरीवाल ने अपनी तरफ से उस परिवार की हर संभव सहायता की। सीटी गुप्ता ने कहा कि वे उस समय भी एक इंटेलेक्चुअल, लॉजिकल और सिंपल व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि आज भी केजरीवाल को टीवी पर देखते हैं, तो उनमें कुछ बदलाव नहीं दिखाई देता। आज भी वे उतने ही सिंपल और शांत स्वभाव के हैं, जितना उन दिनों हुआ करते थे।
अमित खन्ना
हेड, पावर हाउसेज, टाटा स्टीलअरविंद केजरीवाल हमेशा से एक इंटेलेक्चुएल, लॉजिकल और सिंपल व्यक्ति रहे हैं। पहले भी हमेशा दूसरों की हेल्प के लिए आगे रहते थे।
सीटी गुप्ता, हेड, पावर हाउसेज 5, टाटा स्टीलReport by : abhijit.pandey@inext.co.in