यंग इंडियंस की पहल पर आंत्रप्रेन्योरशिप और स्टार्ट अप पर तीन कॉलेजों में लर्निंग सेशन.


जमशेदपुर (ब्यूरो): यंग इंडियंस एक्सेसिबिलिटी ने यंग इंडियंस युवा के साथ मिलकर युवा कालेजों में एक के बाद एक तीन लर्निंग सेशंस का आयोजन किया। इन सेशंस में आंत्रप्रेन्योरशिप और स्टार्ट अप पर मंथन हुआ और दोनों विषयों पर छात्रों के सवालों के जवाब दिए गए। सेशंस का संचालन यंग इंडियंस के मानद सदस्य तथा शॉर्क टैंक फेम और एटिपिकल चैलेंज के सीईओ विनीत सरायवाला ने किया। बनाया कामयाबी का हथियार


उल्लेखनीय है कि विनीत सरायवाला ने अपनी 90 फीसदी नेत्रहीनता को कामयाबी का हथियार बना लिया है। छात्र-छात्राओं ने सेशंस की काफी सराहना की और कहा कि इससे उन्हें काफी जानकारी मिली है और ज्ञानवर्धन हुआ है। सेशंस में छात्रों ने कई सवाल पूछे जिसका जवाब विनीत सरायवाला ने दिया। पहला सेशन नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में हुआ जहां 260 छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं तो दूसरा सेशन आरवीएस में हुआ जहां 275 छात्र-छात्राओं ने शिरकत की। इसी तरह तीसरा सेशन आदित्यपुर के श्रीनाथ यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां 200 छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। इसमें छात्रों के साथ कॉलेज के शिक्षकों ने भी शिरकत की।देते हैैं अवसर

दिव्यांगों के लिए अवसर सृजित करते हैं विनीत सरायवाला जमशेदपुर निवासी एटिपिकल एडवांटेज के संस्थापक विनीत सरायवाला अपने पोर्टल के माध्यम से दिव्यांगों को आजीविका के अवसर प्रदान करते हैं। दिसंबर 2020 में शुरू हुआ एटिपिकल एडवांटेज (एए) नौकरियों की तलाश कर रहे दिव्यांगों का एक ऑनलाइन डेटाबेस प्रदान करता है, जहां कॉर्पोरेट खुद को पंजीकृत कर सकते हैं और भर्तियां कर सकते हैं। कई लोगों ने उनके साथ पंजीकरण कराया है और उनके पोर्टल के माध्यम से कमाई शुरू कर दी है। एटिपिकल एडवांटेज चलाने के अपने अनुभव को साझा करते हुए विनीत सरायवाला ने बड़े ब्रांडों को आश्वस्त किया कि विकलांगता कभी भी प्रतिभा और कौशल के लिए बाधा नहीं बन सकती। जब देश में कोरोना ने दस्तक दी, तो कई लोगों ने राष्ट्रव्यापी छंटनी के बीच अपनी नौकरी बचाने की कोशिश की, लेकिन विनीत सरायवाला ने नहीं, जिन्होंने फ्यूचर ग्रुप में अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़ दी और विकलांग व्यक्तियों के लिए आजीविका बनाने के लिए एक स्टार्टअप शुरू किया।आईआईएम बैंगलोर से एमबीए

विनीत आईआईएम बैंगलोर से एमबीए स्नातक हैं और उन्हें रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (आंख की बीमारी) है, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जो समय के साथ दृष्टि की लगातार हानि का कारण बनता है। फिलहाल उनकी आंखों की रोशनी सिर्फ 10 फीसदी ही बची है, लेकिन यह मर्ज उनकी कामयाबी में बाधा नहीं बन पाया। खुद के साथ दूसरे दिव्यांगों का जीवन सुगम करने को समर्पित विनीत आज भी इसी राह पर अग्रसर हैं।इनकी रही मौजूदगी इन सेशंस में यंग इंडियंस एक्सेसिबिलिटी के चेयर ऋषभ मेहता, को चेयर प्रांतिक कुमार, युवा चेयर हर्ष अग्रवाल, को चेयर सौरभ अग्रवाल, बिजल मेहता, रश्मि कांवटिया, सुमित अग्रवाल,साक्षी गुप्ता, ऋषि अरोड़ा, अक्षय अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive