स्थानीयता पर बीजेपी के भीतर भी उठ रहे सवाल
-कडि़या मुंडा व रामटहल चौधरी ने संशोधन के लिए सरकार को लिखा खत
-लक्ष्मण गिलुआ, विद्युतवरण महतो व अर्जुन मुंडा भी चाह रहे स्थानीयता में संशोधन RANCHI: झारखंड में पहली बार जारी स्थानीयता पर जहां मुख्य विपक्षी पार्टी जेएमएम राज्य सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए जन जागरण अभियान पर है। वहीं, बीजेपी को अपनी सबसे पुरानी सहयोगी और सरकार में शामिल आजसू के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। इधर, सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के अंदरखाने भी इस मुद्दे पर विरोध खुलकर सामने आने लगे हैं। अब बीजेपी के सांसद भी सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। संशोधन के लिए सरकार को पत्रस्थानीयता में संशोधन की मांग को लेकर खूंटी सांसद व बीजेपी के वरिष्ठ नेता कडि़या मुण्डा के अलावा रांची से बीजेपी सांसद रामटहल चौधरी ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखा है। चाईबासा के सांसद लक्ष्मण गिलुआ और जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो ने भी स्थानीयता को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुण्डा भी रघुवर सरकार की घोषित स्थानीयता को लेकर संशोधन चाहते हैं।
जनता का डरबीजेपी के सांसद और विधायकों के लिए राज्य सरकार की स्थानीयता गले की फांस बनती जा रही है। इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर न तो वे विरोध दर्ज करा पा रहे हैं और न ही इसका समर्थन कर पा रहे हैं। उन्हें अपने क्षेत्र की जनता का डर सता रहा है। क्योंकि राज्य के लिए यह संवेदनशील मुद्दा है। इन नेताओं को चुनाव हारने का डर सता रहा है। इधर, स्थानीयता को लेकर क्ब् मई को झारखंड बंद को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा जन जागरण के जरिए बड़ी तैयारी कर रहा है। इस बंदी को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
केंद्र में मामला रखने की तैयारी बीजेपी के सूत्रों के कहना है कि बीजेपी के आदिवासी और मूलवासी विधायक तथा सांसद इस मामले को लेकर अर्जुन मुण्डा से मिले हैं और उनसे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। अर्जुन मुण्डा से इस मामले को केन्द्रीय नेतृत्व के सामने रखने की भी अपील की गई है। हालांकि सार्वजनिक तौर पर अर्जुन मुण्डा अभी चुप हैं। वह वेट एंड वाच की भूमिका में हैं।