RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव में बिहार की तर्ज पर बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने की चल रही कोशिशों में कई अड़चनें आ रही है। महागठबंधन में शामिल होनेवाले दल किसके नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेंगे? महागठबंधन में कौन राजनीतिक दल झुकेगा और कौन अड़ेगा, इसे लेकर जिच कायम है। अभी जो हालात हैं, उसमें कोई भी राजनीतिक दल दूसरे राजनीतिक दल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। वैसे, जेएमएम कांग्रेस और आरजेडी सरीखी पार्टियां बीजेपी को चुनाव में मात देने के लिए महागठबंधन को लेकर हर पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। वे एक-दूसरे के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने को तो तैयार हैं, पर उनके बीच सीटों के तालमेल पर सहमति नहीं बन पा रही है।

सीटों को लेकर झंझट

जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के बीच महागठबंधन में सबसे बड़ा रोड़ा सीटों का है। इस बाबत झारखंड के सीएम व जेएमएम के सीनियर लीडर हेमंत सोरेन की पिछले दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और झारखंड कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद से बातचीत तो हुई थी, पर सीटों को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी, जिस कारण इस मीटिंग का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला।

पार्टियों के बीच द्वंद

एक तरह बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन के लिए प्रयास हो रहे हैं, तो दूसरी ओर पार्टियों के बीच सीटों को लेकर द्वंद युद्ध चल रहा है। जेएमएम जहां ब्0 से अधिक सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है, वहीं कांग्रेस ने भी ब्0 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी है। इसे लेकर दोनों दलों की ओर से बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस और जेएमम के बीच सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच आरजेडी ने भी ख्भ् सीटों पर दावा ठोक दिया है, जबकि जेडीयू ने क्क् सीटों की मांग की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दलों के बीच महागठबंधन बनता है अथवा नहीं।

झामुमो सुप्रीमो का अलग राग

जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह कहकर सबको चौंका दिया है कि चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हुआ या सीटों को लेकर कोई सहमति नहीं बनी तो उनकी पार्टी सभी 8क् सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी। शिबू के इस बयान पर कांग्रेस कोटे से मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और वह किसी भी हालत में अपनी प्रतिष्ठा को नहीं गंवाएगी। इतना ही नहीं, किसी रिजनल पार्टी के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव मैदान में नहीं उतर सकती है। विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी को सीट ज्यादा मिलेगी, सीएम पद पर उसी की दावेदारी होगी।

मुसीबतों का सौदा है गठबंधन

जेएमएम लीडर व सीएम हेमंत सोरेन, स्पोक्स पर्सन सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद पांडेय महागठबंधन के सवाल पर जो भी बोल रहे हैं, उससे पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन बहुत इत्तेफाक नहीं रखते हैं। शिबू सोरेन का कहना है कि चुनाव को लेकर गठबंधन मुसीबतों का सौदा है। उनका मानना है कि गठबंधन की सरकार को तरह-तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गठबंधन राजनीति मजबूरी होती है, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, लिहाजा अकेले चलने में ही भलाई है। उन्होंने गठबंधन के मामले में कांग्रेस और बीजेपी के साथ बेहतर संबंध नहीं होने का भी हवाला दिया। इन दिनों जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के बीच महागठबंधन की कोशिशें तो चल रही हैं, पर दबी जुबान से ये यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि महागठबंधन में सबसे बड़ा गांठ नेतृत्व का मुद्दा होगा।

Posted By: Inextlive